Wednesday, February 5, 2014

वफा का आईना जब तेरी नजर से गुजरा

इश्क की आबरू हमने बचा लिया अक्सर
चिरागे-दिल से मुकद्दर जला लिया अक्सर
कौन चाहेगा कि खुद मौत को पीते जाएँ
दर्द ने सबको शराबी बना दिया अक्सर
वफा का आईना जब तेरी नजर से गुजरा
तूने अपना ये चेहरा छुपा लिया अक्सर
करीब रहते हैं जो रातभर इस कलेजे में
चाँद वो दिन में हमने बुझा दिया अक्सर
फूल जितने भी मायूस होके टूट चुके थे
उनसे ही अपना गुलशन सजा लिया अक्सर
गुनाह पूरी तसल्ली से किया करता हूँ
तेरा खंजर सीने पे चला लिया अक्सर

Mohabbat Love Shayari in Hindi

आह और दर्द बस तेरा तलबगार हुआ
आंख पत्थर हुई, अश्क आबशार हुआ
ये जुदाई भी अमावस का एक सितारा है
चांद के बिन ये फलक भी दागदार हुआ
मेरी पलकों का झपकना बड़ा मुश्किल है
ऐसा तबसे है जबसे तेरा दीदार हुआ
सो रहे हैं इन मकानों के बाशिन्दे सभी
मैं जगा रहके बस्ती का गुनहगार हुआ