Saturday, May 24, 2014

तुम जो मिल जाओ तो सब कुछ मिल जाए

चांद से आज भी मेरी बहुत दूरी है

यह जमीं पे रहने की मजबूरी है


दिल लगाने से ये दिल जल जाए सही

इस लगन के बिना जिंदगी अधूरी है


तुम जो मिल जाओ तो सब कुछ मिल जाए

ना मिलो तो तबियत में फकीरी है


नींद खुल जाए अपनी ही मौत से पहले

इसलिए ख्वाबों का टूट जाना जरूरी है



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