Sunday, August 23, 2015

मेरी यादो मे तुम हो, या मुझ मे ही तुम हो

आप खुद नहीं जानती आप कितनी प्यारी हो,

जान हो हमारी पर जान से प्यारी हो.

दूरियों क होने से कोई फर्क नही पड़ता,

आप कल भी हमारी थी और आज बी हमारी हो.



मेरी यादो मे तुम हो, या मुझ मे ही तुम हो,

मेरे खयालो मे तुम हो, या मेरा खयाल ही तुम हो.

दिल मेरा धडक के पूछे, बार बार एक ही बात,

मेरी जान मे तुम हो, या मेरी जान ही तुम हो.

इश्क के इस दाग का एक बेवफा से रिश्ता है

इश्क के इस दाग का एक बेवफा से रिश्ता है
इस दुनिया में सदियों से आशिक का ये किस्सा है

दर्दे-दिल की आग को कोई सागर क्या बुझाएगा
दिलजला तो मौत के पहलू में जाकर ही बुझता है

हर सितम एक आईना है, तुमको देखूं बार-बार
खूने-जिगर तो तेरी जफा ही पाने को तरसता है

कागज के फूलों की खूशबू भर जाती है आंखों में
तेरे इन पुराने खतों में तेरा साया दिखता है

हम मुस्कुराते हुए जख्म खाते गए

वो सितम पे सितम मुझपे ढाते गए
हम मुस्कुराते हुए जख्म खाते गए

जिनकी खुशियों की खातिर मरते रहे
वो रिश्ते नाते ही दिल को रुलाते गए

आंखों में आंसुओं की कमी ना रहे
हम समंदर में पानी को लाते गए

दीवानगी ने कभी हार मानी नहीं
मेरी मुुहब्बत भले वो ठुकराते गए

कुछ भी नहीं मिलेगा मुझे तेरी दुआ से

किसको खुदा कहेंगे कोई मेरा खुदा नहीं
है कोई भी खुदा तो वो मुझसे जुदा नहीं
शायर तो मुहब्बत के सिवा कुछ नहीं चाहे
लेकिन जमाने के किसी दिल में वफा नहीं
कुछ भी नहीं मिलेगा मुझे तेरी दुआ से
लगती है बेकसों को किसी की दुआ नहीं
वो हंसके बुझा देती है मेरे सीने में लगी आग
आंसुओं से कभी दामन उसका जला नहीं

तुम मेरे दर्द को मिटा दोगी एक दिन

अपने दिल के सनमखाने के हर जर्रे पे
आँसुओं से तेरे नाम लिखे हैं हमने
ये ख़ामोशी और दर्द के अफ़साने
कोरे कागज़ पे सजाए हैं हमने

ये जो पत्थर के बेदिल मकान हैं
इस दुनिया की गलियों के श्मशान हैं
तन्हाई के जिंदादिली के साये में
तुमको ख़यालों में बसाए हैं हमने

राहों के मुकद्दर में कई मुसाफिर हैं
पर मेरी पगडंडियों पे तू अकेली है
इस भीड़ भरी अंधेर नगरी में
तेरे नूर के माहताब जलाए हैं हमने

मेरी दीवानगी छलक न जाए आंखों से
हम हर फुगां को दिल में दबा लेते हैं
तुम मेरे दर्द को मिटा दोगी एक दिन
इसी उम्मीद में जख्म संभाले हैं हमने

मुहब्बत में उन पर मिटते रहे हम

वफ़ा की तलाश करते रहे हम
बेबफाई में अकेले मरते रहे हम,

नहीं मिला दिल से चाहने वाला
खुद से ही बेबजह डरते रहे हम,

लुटाने को हम सब कुछ लुटा देते
मुहब्बत में उन पर मिटते रहे हम,

खुद दुखी हो कर खुश उन को रखा
तन्हाईयों में सांसे भरते रहे हम,

वो बेवफाई हम से करते ही रहे
दिल से उन पर मरते रहे हम|

रातो के ख्वाबो का इंतजार क्या करू

जिन्हीने बदली थी हमारे ख्वाइशों की जिंदगी..
आज वहो बदले बदले नज़र आते है..

उड़ गए उन परिंदों का मलाल क्या करे..
जब अपने भी औरो की छत पर नज़र आते है..

रातो के ख्वाबो का इंतजार क्या करू..
जब दिन मै भी डरावने सपने आत्ते है..

एक अरसा बीत गया..खुलकर मुस्कुराए हुए..
एक अरसा बीत गया..गीत कोई गाए हुए..

मेरी नज़रों को तेरा इन्तज़ार आज भी है..
एक अरसा बीत गया..कोई रिश्ता नया बनाए हुए..

इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िन्दगी क्या चीज़ है

होश वालों को ख़बर क्या बेख़ुदी क्या चीज़ है
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िन्दगी क्या चीज़ है

उन से नज़रें क्या मिली रोशन फिजाएँ हो गईं
आज जाना प्यार की जादूगरी क्या चीज़ है

ख़ुलती ज़ुल्फ़ों ने सिखाई मौसमों को शायरी
झुकती आँखों ने बताया मयकशी क्या चीज़ है

हम लबों से कह न पाये उन से हाल-ए-दिल कभी
और वो समझे नहीं ये ख़ामोशी क्या चीज़ है

Sunday, August 2, 2015

तेरे दामन में चांदनी हमेशा रहे

मेरे आंगन में रोशनी भले ना रहे
तेरे दामन में चांदनी हमेशा रहे

मर भी जाऊं तो कफन मिले ना मिले
मेरे खातिर तेरी ओढ़नी हमेशा रहे

तुम भले ही किसी गैर की बाहों में रहो
तेरे दिल में एक जोगनी हमेशा रहे

तेरे आशिक के हर दर्द भरे नज्मों में
गमे-उल्फत की ये रागिनी हमेशा रहे

उसकी चाहत के हम दीवाने निकले,

काश वो समझते इस दिल की तड़प को,
तो यूँ हमें रुसवा ना किया होता,

उनकी ये बेरुखी भी मंज़ूर थी हमें,
बस एक बार हमें समझ लिया होता.

इस कदर हम यार को मनाने निकले,
उसकी चाहत के हम दीवाने निकले,

जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहा,
तो उसके होठों से वक़्त ना होने के बहाने निकले.