Tuesday, January 10, 2017

आज भी प्यार करता हूँ तुझसे

ओ सनम अब यूँ रूठकर न जाओ दूर हमसे,
कि अब आदत सी हो गई है तुम्हारी,

तुम जो न दिखो तो अब,
न सुबह होती न शाम होती हमारी.


आज भी प्यार करता हूँ तुझसे, 
ये नहीं कि कोई मिली ही नहीं, 

मिलीं तो बहुत तेरे बाद पर, 
तू किसी चेहरे में दिखीं ही नहीं.

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