Tuesday, January 10, 2017

आज भी प्यार करता हूँ तुझसे

ओ सनम अब यूँ रूठकर न जाओ दूर हमसे,
कि अब आदत सी हो गई है तुम्हारी,

तुम जो न दिखो तो अब,
न सुबह होती न शाम होती हमारी.


आज भी प्यार करता हूँ तुझसे, 
ये नहीं कि कोई मिली ही नहीं, 

मिलीं तो बहुत तेरे बाद पर, 
तू किसी चेहरे में दिखीं ही नहीं.

तुम्हारी याद में जब मेरा दिल रोता है

तुम्हारी याद आने पर आँसू टूट जाते है
उन्हें मैं हथेलियों पर समेट लेता हूँ
और जो अटक जाते हैं होंटों पर

तो मैं समझ लेता हूँ कि वो तुम हो.
सुबह-सुबह ठंडी हवा का झोंका 
मुझे चुपके से आकर छूता है


और उसमें जो सबसे तेज़ झोंका हो 
तो मैं समझ लेता हूँ कि वो तुम हो.
बिछड़ने के बाद से ही तुम्हारी याद आती है 

तुम्हारी याद में जब मेरा दिल रोता है
रोते-रोते जो ज़ोर की हिचकी आती है
तो मैं समझ लेता हूँ कि वो तुम हो.