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Saturday, May 24, 2014

अपने खयालों में देखा जिनको

दोनों चिरागों में दो समंदर

देखा है उनकी आंखों के अंदर


अपने खयालों में देखा जिनको

आज नजर में आए वो दिलबर


जुल्फें या आंखें, चेहरा या चितवन

हरसूं हैं उनमें जलवों के खंजर


नाजुक बदन जब निकले फिजा में

खुशबू से भर जाए सारा मंजर