Showing posts with label आकर चली गई. Hindi Love Shayari. Show all posts
Showing posts with label आकर चली गई. Hindi Love Shayari. Show all posts

Tuesday, April 15, 2014

आई थी शाम बेकरार, आकर चली गई

आई थी शाम बेकरार, आकर चली गई
होना था बस इंतजार, होकर चली गई 
साहिल से दूर एक लहर आती मुझे दिखी
आंखों से वो सागर पार, बहकर चली गई 
आस्मा के सारे तारे टूटकर गिरते रहे
चांद जिनसे करके प्यार, बुझकर चली गई 
दिल में दो रूहों का दर्द लेकर जी रहा
मुझपे अपना जां निसार दिलबर चली गई