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Monday, July 22, 2019

लोग तो अपना बना कर छोड़ देते हैं

मिले न फूल तो काँटों से जख्म खाना है,
उसी गली में मुझे बार-बार जाना है,
मैं अपने खून का इल्जाम दूँ तो किसको दूँ,
लिहाज ये है कि क़ातिल से दोस्ताना है।

लोग तो अपना बना कर छोड़ देते हैं,
कितनी आसानी से गैरों से रिश्ता जोड़ लेते हैं,
हम एक फूल तक ना तोड़ सके कभी,
कुछ लोग बेरहमी से दिल तोड़ देते हैं।


धीरे धीरे से अब तेरे प्यार का दर्द कम हुआ,
ना तेरे आने के खुशी ना तेरे जाने का गम हुआ,
जब लोग मुझसे पूछते हैं हमारे प्यार की दास्तान,
कह देता हूँ एक फसाना था जो अब खत्म हुआ।

जब किसी का दर्द हद से गुजर जाता है
तो समंदर का पानी आँखों में उतर आता है,
कोई बना लेता है रेत से आशियाना तो,
किसी का लहरों में सबकुछ बिखर जाता है।

Saturday, November 25, 2017

इतनी लंबी उमर की दुआ मत माँग मेरे लिए

इतनी लंबी उमर की दुआ मत माँग मेरे लिए,
ऐसा ना हो के तू भी छोड़ दे ओर मौत भी ना आए.

एक बार फिर से निकलेंगे तलाश-ए-इश्क़ में,
दुआ करो यारों इस बार कोई बेवफा ना मिले.


नशा दौलत का हो या फिर शोहरत का, चूर कर देता हैं,
मगर नशा हो अगर मुहब्बत का तो मजबूर कर देता है.

वो जब पास हमारे साथ होगी तब शायद कयामत होगी,
अभी तो सिर्फ उसकी तस्वीर ने ही तबाही मचा रखी है.

Saturday, August 5, 2017

जिनकी आंखें आंसू से नम नहीं

हलकी हलकी जल की बूंदे, जब लेकर आते है बादल,
मन मसोस कर रह जाती हूूँ, बह जाता है मेरा काजल.

कैसे है ये बैरी बादल, पूछ रहा है ये मेरा आँचल,
आसमान भी कह रहा है, ये निर्मोही है काले बादल.


कड़कड़ाहट आवाज़ से, प्रेमियों को कर देता है पागल,
काली घटा जब छट जायेगी, जब समझेगे ये बादल.

हमारी इल्तिज़ा है तुमसे, जरा रूक कर बरसों बादल,
प्रेमी जब मेरा आ जाए, फिर जम कर बरसों  बादल.

Tuesday, October 25, 2016

तेरी रूह से रूह तक का रिश्ता है मेरा

पलकों में आँसु और दिल में दर्द सोया है,

हँसने वालो को क्या पता, रोने वाला किस कदर रोया है.


ये तो बस वही जान सकता है मेरी तनहाई का आलम,


जिसने जिन्दगी में किसी को पाने से पहले खोया है.




तेरी धड़कन ही ज़िंदगी का किस्सा है मेरा,

तू ज़िंदगी का एक अहम् हिस्सा है मेरा.


मेरी मोहब्बत तुझसे, सिर्फ़ लफ्जों की नहीं है,


तेरी रूह से रूह तक का रिश्ता है मेरा.

Sunday, August 23, 2015

इश्क के इस दाग का एक बेवफा से रिश्ता है

इश्क के इस दाग का एक बेवफा से रिश्ता है
इस दुनिया में सदियों से आशिक का ये किस्सा है

दर्दे-दिल की आग को कोई सागर क्या बुझाएगा
दिलजला तो मौत के पहलू में जाकर ही बुझता है

हर सितम एक आईना है, तुमको देखूं बार-बार
खूने-जिगर तो तेरी जफा ही पाने को तरसता है

कागज के फूलों की खूशबू भर जाती है आंखों में
तेरे इन पुराने खतों में तेरा साया दिखता है

Sunday, January 11, 2015

इन जख्मों को भरने में लगेंगे कई मौसम

इन जख्मों को भरने में लगेंगे कई मौसम
अभी तुमको भूलने में लगेंगे कई मौसम

तेरे इश्क में ये बहार एक पल में उजड़ गई
अब फूलों को खिलने में लगेंगे कई मौसम

सदमे मिले हैं जिनको दुनिया में बेवफाओं से
उनके आंसुओं को गिरने में लगेंगे कई मौसम

मुझे अपनी तो परवाह नहीं मगर तेरी बहुत है
इस फितरत को मिटने में लगेंगे कई मौसम.



तुम तरसती निगाहों को नुमाया न करो

तुम तरसती निगाहों को नुमाया न करो
मैं प्यासा हूं, मेरी प्यास बढ़ाया न करो
नींद न आए कभी तो बस ये दुआ करना
‘ऐ खुदा जलनेवालों को बुझाया न करो’
हंस नहीं पाएंगे जब तक वो नहीं आएंगे
साकिया मय पिलाके बहलाया न करो
दोस्तों का हमें बहुत सा तजरबा है
शेख जी, बेवफाओं से मिलाया न करो.



Saturday, May 24, 2014

प्यार के अहसास पर मर मिटा है दिल

सफर वहीं तक है जहां तक तुम हो

नजर वहीं तक है जहां तक तुम हो


हजारों फूल देखे इस गुलशन में मगर

खुशबू वहीं तक है जहां तक तुम हो


चांद और सूरज भी आके यही कहते हैं

रोशनी वहीं तक है जहां तक तुम हो


प्यार के अहसास पर मर मिटा है दिल

जिंदगी वहीं तक है जहां तक तुम हो


Sunday, January 26, 2014

तेरे बिन हम दिलजले कभी चैन नहीं पाएंगे

ये करवटों के सिलसिले कभी खत्म हो न पाएंगे
तेरे बिन हम दिलजले कभी चैन नहीं पाएंगे
ऐ चांद फासला बढ़ा, इतनी कि तुम खो जाओ
तेरी हसीन चांदनी में उन्हें हम भूल नहीं पाएंगे
बरसात के मौसम में शराबें तो पी ली हमने
क्या खबर थी भीगकर हम नशे में रह नहीं पाएंगे
आखिर किसी मुकाम पर मेरे मंजिल का निशां होगा
तेरी ऊंगली थामे बिना वहां तक चल नहीं पाएंगे