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Thursday, September 21, 2017

इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद

इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद,
जैसे हक़ीक़त मिली हो ख़यालों के बाद,

मैं पूछता रहा उस से ख़तायें अपनी,
वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद.


तिनके तिनके मे बिखरते चले गये,
तन्हाई की गहराइयो मे उतरते चले गये,

जन्नत थी हर शाम जिन दोस्तो के साथ,
एक एक कर के सब बिछड़ते चले गये.

Tuesday, October 25, 2016

हम सिमटते गए उनमें और वो हमें भुलाते गए

दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे,
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे,

वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का,
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे.



इश्क़ सभी को जीना सिखा देता है,
वफ़ा के नाम पर मरना सीखा देता है,

इश्क़ नहीं किया तो करके देखो,
ज़ालिम हर दर्द सहना सीखा देता है.

Sunday, August 23, 2015

मेरी यादो मे तुम हो, या मुझ मे ही तुम हो

आप खुद नहीं जानती आप कितनी प्यारी हो,

जान हो हमारी पर जान से प्यारी हो.

दूरियों क होने से कोई फर्क नही पड़ता,

आप कल भी हमारी थी और आज बी हमारी हो.



मेरी यादो मे तुम हो, या मुझ मे ही तुम हो,

मेरे खयालो मे तुम हो, या मेरा खयाल ही तुम हो.

दिल मेरा धडक के पूछे, बार बार एक ही बात,

मेरी जान मे तुम हो, या मेरी जान ही तुम हो.

Sunday, January 11, 2015

जख्मे-दिल सीने में दरिया सा बहता है

जख्मे-दिल सीने में दरिया सा बहता है
मेरे खूने-जिगर में तेरा खंजर रहता है 

तूने आशिकी में मेरे दिल के टुकड़े किए
तेरा जाना अब मुझे शीशे की तरह चुभता है

कोई अंजाम बाकी नहीं अब मेरे जीवन में
दर्द ही दर्द आठों पहर आंखों से रिसता है.


Sunday, January 26, 2014

हमें मालूम है अंजामे-इश्क बुरा होगा

हमें मालूम है अंजामे-इश्क बुरा होगा
लेकिन इश्क हो गया तो क्यों इंतहा करें

ये दर्द है, इस दर्द पे काबू नहीं होता
अब नब्ज चले किसी तरह, ये दुआ करें

बेखुद सी हुई रातें, ओझल सी हुई दुनिया
अपने ही वजूद में हम खुद को फना करें

इजहार न कर सके जब अपनी जुबां से
उस हुस्न के सितम हम कैसे बयां करें


ये खामोश गजल मैं तुमको सुनाऊं कैसे

छलकते दर्द को होठों से बताऊं कैसे
ये खामोश गजल मैं तुमको सुनाऊं कैसे
दर्द गहरा हो तो आवाज़ खो जाती है
जख़्म से टीस उठे तो तुमको पुकारूं कैसे
मेरे जज़्बातों को मेरी इन आंखों में पढ़ो
अब तेरे सामने मैं आंसू भी बहाऊं कैसे
इश्क तुमसे किया, जमाने का सितम भी सहा
फिर भी तुम दूर हो हमसे, ये जताऊं कैसे