Showing posts with label Dard Shayari - Dard Bhari Shayari. Show all posts
Showing posts with label Dard Shayari - Dard Bhari Shayari. Show all posts

Sunday, August 23, 2015

तुम मेरे दर्द को मिटा दोगी एक दिन

अपने दिल के सनमखाने के हर जर्रे पे
आँसुओं से तेरे नाम लिखे हैं हमने
ये ख़ामोशी और दर्द के अफ़साने
कोरे कागज़ पे सजाए हैं हमने

ये जो पत्थर के बेदिल मकान हैं
इस दुनिया की गलियों के श्मशान हैं
तन्हाई के जिंदादिली के साये में
तुमको ख़यालों में बसाए हैं हमने

राहों के मुकद्दर में कई मुसाफिर हैं
पर मेरी पगडंडियों पे तू अकेली है
इस भीड़ भरी अंधेर नगरी में
तेरे नूर के माहताब जलाए हैं हमने

मेरी दीवानगी छलक न जाए आंखों से
हम हर फुगां को दिल में दबा लेते हैं
तुम मेरे दर्द को मिटा दोगी एक दिन
इसी उम्मीद में जख्म संभाले हैं हमने

Saturday, April 18, 2015

ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है

कुछ उलझे सवालो से डरता हे दिल
जाने क्यों तन्हाई में बिखरता हे दिल

किसी को पाने कि अब कोई चाहत न रही
बस कुछ अपनों को खोने से डरता हे ये दिल.

जब खामोश आँखो से बात होती है
ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है

तुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैं
पता नही कब दिन और कब रात होती है.