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Friday, November 18, 2016

सफर वहीं तक है जहाँ तक तुम हो

आँखों में आंसुओं की लकीर बन गयी, 
जैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गयी, 

हमने तो सिर्फ रेत में उंगलियाँ घुमाई थी, 
गौर से देखा तो आपकी तस्वीर बन गयी.


सफर वहीं तक है जहाँ तक तुम हो, 
नजर वहीं तक है जहाँ तक तुम हो, 

हजारों फूल देखे हैं इस गुलशन में मगर, 
खुशबू वहीं तक है जहाँ तक तुम हो.

Tuesday, October 25, 2016

हम सिमटते गए उनमें और वो हमें भुलाते गए

दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे,
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे,

वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का,
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे.



इश्क़ सभी को जीना सिखा देता है,
वफ़ा के नाम पर मरना सीखा देता है,

इश्क़ नहीं किया तो करके देखो,
ज़ालिम हर दर्द सहना सीखा देता है.

Sunday, August 23, 2015

मेरी यादो मे तुम हो, या मुझ मे ही तुम हो

आप खुद नहीं जानती आप कितनी प्यारी हो,

जान हो हमारी पर जान से प्यारी हो.

दूरियों क होने से कोई फर्क नही पड़ता,

आप कल भी हमारी थी और आज बी हमारी हो.



मेरी यादो मे तुम हो, या मुझ मे ही तुम हो,

मेरे खयालो मे तुम हो, या मेरा खयाल ही तुम हो.

दिल मेरा धडक के पूछे, बार बार एक ही बात,

मेरी जान मे तुम हो, या मेरी जान ही तुम हो.

रातो के ख्वाबो का इंतजार क्या करू

जिन्हीने बदली थी हमारे ख्वाइशों की जिंदगी..
आज वहो बदले बदले नज़र आते है..

उड़ गए उन परिंदों का मलाल क्या करे..
जब अपने भी औरो की छत पर नज़र आते है..

रातो के ख्वाबो का इंतजार क्या करू..
जब दिन मै भी डरावने सपने आत्ते है..

एक अरसा बीत गया..खुलकर मुस्कुराए हुए..
एक अरसा बीत गया..गीत कोई गाए हुए..

मेरी नज़रों को तेरा इन्तज़ार आज भी है..
एक अरसा बीत गया..कोई रिश्ता नया बनाए हुए..

Sunday, January 11, 2015

इन जख्मों को भरने में लगेंगे कई मौसम

इन जख्मों को भरने में लगेंगे कई मौसम
अभी तुमको भूलने में लगेंगे कई मौसम

तेरे इश्क में ये बहार एक पल में उजड़ गई
अब फूलों को खिलने में लगेंगे कई मौसम

सदमे मिले हैं जिनको दुनिया में बेवफाओं से
उनके आंसुओं को गिरने में लगेंगे कई मौसम

मुझे अपनी तो परवाह नहीं मगर तेरी बहुत है
इस फितरत को मिटने में लगेंगे कई मौसम.



Wednesday, January 1, 2014

तुझे याद कर मुस्कुराने लगे हैं

फिर से खयालात आने लगे हैं

तुझे याद कर मुस्कुराने लगे हैं

उड़-उड़ के गिरता है दिल का परिंदा

टूटे पंखों में जान आने लगे हैं

देखते-देखते ही फिर खिल गए

वो सारे फूल जो मुरझाने लगे हैं

आंखों में अब तेरा ही नूर है

अमावस में तारे उगाने लगे हैं


Wednesday, December 25, 2013

शीशे के खिलौनों से खेला नहीं जाता

शीशे के खिलौनों से खेला नहीं जाता

रेतों के घरौंदों को तोड़ा नहीं जाता

आहिस्ते से आती हवा को कैसे कहूँ मैं

कि बेशरमी से बदन को छुआ नहीं जाता

जलते हुए दिलों की निशानी जो दे गया

कुछ ऐसे चिरागों को बुझाया नहीं जाता

बनती हुई तस्वीर तेरी चाँद बन गई

अब मेरे तसव्वुर का उजाला नहीं जाता




Saturday, December 14, 2013

Dard E Dil Hindi Love Shayari

सूरत पे हर इक पल में दो प्यास उभरती है

होठों से तू हंसती है, आंखों से तू रोती है

शम्मे न जला तू अभी, रहने दे अंधेरे को

तू रात के पहलू में एक चांद सी लगती है

हाथों के इशारे से मुझे रोक ना रोने से

आंसू नहीं रूकते हैं जब दूर तू जाती है

मिलती है जो तू ऐसे उल्फत की अदा लेकर

लगता है मेरे दिल की हर बात तू पढ़ती है