Saturday, August 5, 2017
Monday, July 3, 2017
ये दिल किसी को पाना चाहता है
ये दिल किसी को पाना चाहता है,
और उसे अपना बनाना चाहता है,
खुद तो चाहता है ख़ुशी से धड़कना,
उसका दिल भी धड़काना चाहता है.
जो हँसी खो गई थी बरसों पहले कहीं,
फिर उसे लबों पर सजाना चाहता है,
तैयार है प्यार में साथ चलने के लिए,
उसके हर गम को अपनाना चाहता है.
मोहब्बत तो हो ही गई है अब तो पर,
अब उसी से ही ये छिपाना चाहता है,
ये दिल अब किसी को पाना चाहता है,
और उसे सिर्फ अपना बनाना चाहता है
और उसे अपना बनाना चाहता है,
खुद तो चाहता है ख़ुशी से धड़कना,
उसका दिल भी धड़काना चाहता है.
जो हँसी खो गई थी बरसों पहले कहीं,
फिर उसे लबों पर सजाना चाहता है,
तैयार है प्यार में साथ चलने के लिए,
उसके हर गम को अपनाना चाहता है.
मोहब्बत तो हो ही गई है अब तो पर,
अब उसी से ही ये छिपाना चाहता है,
ये दिल अब किसी को पाना चाहता है,
और उसे सिर्फ अपना बनाना चाहता है
Dil Ke Sagar Mein Lehre Uthaya Na Karo
दिल के सागर में लहरें उठाया ना करो,
ख्वाब बनकर नींद चुराया न करो,
बहुत चोट लगती है मेरे दिल को,
तुम ख़्वाबों में आ कर यु तड़पाया न करो.
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,
सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो,
कुछ यूँ चला है तेरे ‘इश्क’ का जादू,
सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो.
उनका हाल भी कुछ आप जैसा ही होगा,
आपका हाले दिल उन्हें भी महसूस होगा,
बेकरारी की आग में जो जल रहे हैं आप,
आपसे ज्यादा उन्हें इस जलन का एहसास होगा.
जो नजरो का हुआ मिलना लब तेरे भी मुस्कुराये थे,
ईश्क के हर जूर्म में मेरे तेरी मोहोब्बत के साये थे,
मेरी हर रात में सजनी तेरी सेजो के साये थे,
रात को ख्वाब में मेरे ख्वाब तेरे मिलने आये थे.
ख्वाब बनकर नींद चुराया न करो,
बहुत चोट लगती है मेरे दिल को,
तुम ख़्वाबों में आ कर यु तड़पाया न करो.
चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,
सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो,
कुछ यूँ चला है तेरे ‘इश्क’ का जादू,
सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो.
उनका हाल भी कुछ आप जैसा ही होगा,
आपका हाले दिल उन्हें भी महसूस होगा,
बेकरारी की आग में जो जल रहे हैं आप,
आपसे ज्यादा उन्हें इस जलन का एहसास होगा.
जो नजरो का हुआ मिलना लब तेरे भी मुस्कुराये थे,
ईश्क के हर जूर्म में मेरे तेरी मोहोब्बत के साये थे,
मेरी हर रात में सजनी तेरी सेजो के साये थे,
रात को ख्वाब में मेरे ख्वाब तेरे मिलने आये थे.
Friday, May 5, 2017
मत पूछ कि क्या हाल है मेरा तेरे पीछे
बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया है मेरे आगे
होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे।
होता है निहाँ गर्द में सहरा मेरे होते
घिसता है जबीं ख़ाक पे दरिया मेरे आगे।
मत पूछ कि क्या हाल है मेरा तेरे पीछे
तू देख कि क्या रंग है तेरा मेरे आगे।
ईमान मुझे रोके है जो खींचे है मुझे कुफ़्र
काबा मेरे पीछे है कलीसा मेरे आगे।
गो हाथ को जुम्बिश नहीं आँखों में तो दम है
रहने दो अभी सागर-ओ-मीना मेरे आगे।
होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे।
होता है निहाँ गर्द में सहरा मेरे होते
घिसता है जबीं ख़ाक पे दरिया मेरे आगे।
मत पूछ कि क्या हाल है मेरा तेरे पीछे
तू देख कि क्या रंग है तेरा मेरे आगे।
ईमान मुझे रोके है जो खींचे है मुझे कुफ़्र
काबा मेरे पीछे है कलीसा मेरे आगे।
गो हाथ को जुम्बिश नहीं आँखों में तो दम है
रहने दो अभी सागर-ओ-मीना मेरे आगे।
Wednesday, May 3, 2017
तेरे मेहँदी लगे हाथों पे मेरा नाम लिखा है
तेरे मेहँदी लगे हाथों पे मेरा नाम लिखा है
ज़रा से लफ्ज़ में कितना पैगाम लिखा है
यह तेरी शान के काबिल नहीं लकिन मजबूरी है
तेरी मस्ती भरी आँखों को मैंने जाम लिखा है
मैं शायर हूँ ,मगर आगे न बढ़ पाया रिवायत से
लबों को पंखुड़ी ,ज़ुल्फ़ों को मैंने शाम लिखा है
मुझे मौत आएगी जब भी ,तेरे पहलू में आएगी
तेरे ग़म ने बहुत अच्छा मेरा अंजाम लिखा है
मेरी क़िस्मत मैं है एक दिन ग्रिफ्तार -ऐ -वफ़ा होना
मेरे चेहरे पे तेरे प्यार का इलज़ाम लिखा है क़ातील
Monday, May 1, 2017
Friday, April 28, 2017
वो तो खुश्बू है हवाओं में बिखर जाएगा
वो तो खुश्बू है हवाओं में बिखर जाएगा
मसला फूल का है फूल किधर जाएगा
हम तो समझे थे के एक ज़ख्म है , भर जाएगा
हम तो समझे थे के एक ज़ख्म है , भर जाएगा
एक झौंका है जो आएगा गुज़र जाएगा
वो जब आएगा तो फिर उस की रफ़ाक़त के लिए
वो जब आएगा तो फिर उस की रफ़ाक़त के लिए
मौसम -ऐ -गुल मेरे आँगन में ठहर जाएगा
आख़िर वो भी कहीं रेत पे बैठी होगी
आख़िर वो भी कहीं रेत पे बैठी होगी
तेरा यह प्यार भी दरिया है उतर जाएगा
Saturday, April 15, 2017
तन्हाई मेरे दिल में समाती चली गयी
तन्हाई मेरे दिल में समाती चली गयी
किस्मत भी अपना खेल दिखाती चली गयी
महकती फ़िज़ा की खुशबू में जो देखा तुम को
बस याद उनकी आई और रुलाती चली गयी
शिकायत यह नहीं की , वो नाराज़ है हमसे
मुस्कुराने का हक़ भी छीना , इस बात का ग़म है
शिकायत यह नहीं की , दिल पे मेरे ज़ख्म दिया
कराहने का हक़ भी छीना , बस इस बात का ग़म है
Thursday, March 30, 2017
Tuesday, March 21, 2017
Wednesday, March 8, 2017
कुछ सितारों की चमक नहीं जाती
कुछ सितारों की चमक नहीं जाती,
कुछ यादों की खनक नहीं जाती,
कुछ लोगों से होता है ऐसा रिश्ता,
कि दूर रहके भी उनकी महक नहीं जाती।
मेरी यादें, मेरा चेहरा, मेरी बातें रुलायेंगी,
हिज़्र के दौर में, गुज़री मुलाकातें रुलायेंगी,
दिन तो चलो तुम काट भी लोगे फसानों में,
जहाँ तन्हा रहोगे तुम, तुम्हें रातें रुलायेंगी।
Thursday, February 9, 2017
जो तेरे गुलाबी लब मेरे लबों को छू जायें
जो तेरे गुलाबी लब मेरे लबों को छू जायें,
मेरी रूह का मिलन तेरी रूह से हो जाये,
मेरी रूह का मिलन तेरी रूह से हो जाये,
ज़माने की साज़िशों से बेपरवाह हो जायें,
मेरे ख्वाब कुछ देर तेरी बाहों में सो जायें,
मिटा कर फ़ासले हम प्यार में खो जायें,
आ कुछ पल के लिये एक-दूजे के हो जायें।
अब तो शाम-ओ-सहर मुझे रहता हैं बस खयाल तेरा
कुछ इस कदर दुआओ सा मिला हैं मुझे साथ तेरा,
कुछ इस कदर दुआओ सा मिला हैं मुझे साथ तेरा,
की अब कोई शिकवा और शिकायत नही उस खुदा से
बस एक तुम्हे पाकर खुशियो से भर गया ये दामन मेरा
बस एक तुम्हे पाकर खुशियो से भर गया ये दामन मेरा
Wednesday, February 8, 2017
Tuesday, January 10, 2017
तुम्हारी याद में जब मेरा दिल रोता है
तुम्हारी याद आने पर आँसू टूट जाते है
उन्हें मैं हथेलियों पर समेट लेता हूँ
और जो अटक जाते हैं होंटों पर
तो मैं समझ लेता हूँ कि वो तुम हो.
सुबह-सुबह ठंडी हवा का झोंका
मुझे चुपके से आकर छूता है
और उसमें जो सबसे तेज़ झोंका हो
तो मैं समझ लेता हूँ कि वो तुम हो.
बिछड़ने के बाद से ही तुम्हारी याद आती है
तुम्हारी याद में जब मेरा दिल रोता है
रोते-रोते जो ज़ोर की हिचकी आती है
तो मैं समझ लेता हूँ कि वो तुम हो.
Friday, December 2, 2016
ज़रा साहिल पे आकर वो थोड़ा मुस्कुरा देती
हसीनों ने हसीन बन कर गुनाह किया,
औरों को तो क्या हमको भी तबाह किया,
पेश किया जब ग़ज़लों में हमने उनकी बेवफाई को,
औरों ने तो क्या उन्होंने भी वाह - वाह किया.
ज़रा साहिल पे आकर वो थोड़ा मुस्कुरा देती,
भंवर घबरा के खुद मुझ को किनारे पर लगा देता,
वो ना आती मगर इतना तो कह देती मैं आँऊगी,
सितारे, चाँद सारा आसमान राह में बिछा देता.
मुझे याद रखना तुम कहीं भुला ना देना
उनसे मिलने की जो सोचें अब वो ज़माना नहीं,
घर भी उनके कैसे जायें अब तो कोई बहाना नहीं,
मुझे याद रखना तुम कहीं भुला ना देना
माना कि बरसों से तेरी गली में आना-जाना नहीं.
एक मुद्दत से मेरे हाल से बेगाना है,
जाने ज़ालिम ने किस बात का बुरा माना है,
मैं जो ज़िद्दी हूँ तो वो भी कुछ कम नहीं,
मेरे कहने पर कहाँ उसने चले आना है.
Friday, November 18, 2016
कुछ इस तरह से वो मुस्कुराते हैं
कुछ इस तरह से वो मुस्कुराते हैं,
की परेशान लोग उन्हें देख खुश हो जाते हैं,
उनकी बातों का अजी क्या कहिये,
अलफ़ाज़ फूल बनकर होंठों से निकल आते हैं.
फ़िज़ाओं का मौसम जाने पर, बहारों का मौसम आया,
गुलाब से गुलाब का रंग तेरे गालों पे आया,
तेरे नैनों ने काली घटा का काजल लगाया,
जवानी जो तुम पर चढ़ी तो नशा मेरी आँखों में आया.
ना जाने कौन सा जादू है तेरी बाहों में
तेरी सादगी को निहारने का दिल करता है,
तमाम उम्र तेरे नाम करने को दिल करता है,
एक मुक़्क़मल शायरी है तू कुदरत की,
तुझे ग़ज़ल बना कर जुबां पर लाने को दिल करता है.
ना जाने कौन सा जादू है तेरी बाहों में,
शराब सा नशा है तेरी निगाहों में,
तेरी तलाश में तेरे मिलने की आस लिए,
दुआऐं मॉगता फिरता हूँ मैं दरगाहों में.
Thursday, November 17, 2016
Saturday, November 5, 2016
इन आँखों को दीदार तुम्हारा मिल गया
अब ये भी नहीं ठीक कि हर दर्द मिटा दें,
कुछ दर्द तो कलेजे से लगाने के लिए हैं,
यह इल्म का सौदा, ये रिसाले, ये किताबें,
इक शख्स की यादों को भुलाने के लिए है.
मुझको फिर वही सुहाना नजारा मिल गया,
इन आँखों को दीदार तुम्हारा मिल गया,
अब किसी और की तमन्ना क्यूँ मैं करूँ,
जब मुझे तुम्हारी बाहों का सहारा मिल गया.
Friday, November 4, 2016
दिल में अब यूँ तेरे भूले हुये ग़म आते हैं
कुछ इशारे थे जिन्हें दुनिया समझ बैठे थे हम;
उस निगाह-ए-आशना को क्या समझ बैठे थे हम;
रफ़्ता रफ़्ता ग़ैर अपनी ही नज़र में हो गये;
वाह री ग़फ़्लत तुझे अपना समझ बैठे थे हम;
होश की तौफ़ीक़ भी कब अहल-ए-दिल को हो सकी;
इश्क़ में अपने को दीवाना समझ बैठे थे हम;
बेनियाज़ी को तेरी पाया सरासर सोज़-ओ-दर्द;
तुझ को इक दुनिया से बेगाना समझ बैठे थे हम;
भूल बैठी वो निगाह-ए-नाज़ अहद-ए-दोस्ती;
उस को भी अपनी तबीयत का समझ बैठे थे हम;
हुस्न को इक हुस्न की समझे नहीं और ऐ 'फ़िराक़';
मेहरबाँ नामेहरबाँ क्या क्या समझ बैठे थे हम।
Friday, October 28, 2016
वो भी क्या दिन थे की हर वहम यकीं होता था
किस को क़ातिल मैं कहूँ किस को मसीहा समझूँ
सब यहां दोस्त ही बैठे हैं किसे क्या समझूँ
वो भी क्या दिन थे की हर वहम यकीं होता था
अब हक़ीक़त नज़र आए तो उसे क्या समझूँ
दिल जो टूटा तो कई हाथ दुआ को उठे
ऐसे माहौल में अब किस को पराया समझूँ
ज़ुल्म ये है कि है यक्ता तेरी बेगानारवी
लुत्फ़ ये है कि मैं अब तक तुझे अपना समझूँ
सब यहां दोस्त ही बैठे हैं किसे क्या समझूँ
वो भी क्या दिन थे की हर वहम यकीं होता था
अब हक़ीक़त नज़र आए तो उसे क्या समझूँ
दिल जो टूटा तो कई हाथ दुआ को उठे
ऐसे माहौल में अब किस को पराया समझूँ
ज़ुल्म ये है कि है यक्ता तेरी बेगानारवी
लुत्फ़ ये है कि मैं अब तक तुझे अपना समझूँ
हम मुसाफिर सफ़र पे ही चलते रहे
वक़्त बदल गया पर बदली सिर्फ कहानी हे.
साथ मेरे ये खूबसूरत लम्हों की यादे पुरानी हे,
मत लगाओ मेरे ये दर्द भरे ज़ख्मो पे मलम,
मेरे पास सिर्फ उनकी बस यही एक निसानी हे.
वो सूरज की तरह आग उगलते रहे,
हम मुसाफिर सफ़र पे ही चलते रहे,
वो बीते वक़्त थे, उन्हें आना न था,
हम सारी रात करवट बदलते रहे.
प्यार की कली सब के लिए खिलती नहीं,
चाह कर भी हरेक एक चीज मिलती नहीं,
सच्चा प्यार किस्मत से मिलता है,
पर हर एक को ऐसी किस्मत मिलती नहीं.
आँख तो प्यार में दिल की ज़ुबान होती है,
सच्ची चाहत तो सदा बे-ज़ुबान होती है,
प्यार में दर्द भी मिले तो क्या घबराना,
सुना है दर्द से ही चाहत और जवान होती है.
तुम मेरी जिन्दगी मेरी जीने कि वजह बन जाओ
मेरी एक खवाहिश है जो तुम हों,
मेरी एक चाहत है जो तुम हों,
एक ही मेरी दुआ एक ही मेरी फरियाद
बस एक ही मेरी मोहब्बत है जो तुम हों.
मेरी चाहते बढने लगी है,
मुझे तेरी जरूरत होने लगी है,
बस बाहों में आ जाओ मेरी
मुझे तुम से मोहब्बत होने लगी है.
तुम मेरी खुशी बन जाओ,
तुज मेरी हँसी बन जाओ,
हमारी तो चाहत ही यही है
तुम मेरी जिन्दगी मेरी जीने कि वजह बन जाओ.
तुझे सीने से लगाओं कैसे,
तुझे दिल में बसाओं कैसे,
मेरी हर साँस पर बस तेरा ही नाम है
तुझे ये बताओं तो बताओं कैसे.
मेरी एक चाहत है जो तुम हों,
एक ही मेरी दुआ एक ही मेरी फरियाद
बस एक ही मेरी मोहब्बत है जो तुम हों.
मेरी चाहते बढने लगी है,
मुझे तेरी जरूरत होने लगी है,
बस बाहों में आ जाओ मेरी
मुझे तुम से मोहब्बत होने लगी है.
तुम मेरी खुशी बन जाओ,
तुज मेरी हँसी बन जाओ,
हमारी तो चाहत ही यही है
तुम मेरी जिन्दगी मेरी जीने कि वजह बन जाओ.
तुझे सीने से लगाओं कैसे,
तुझे दिल में बसाओं कैसे,
मेरी हर साँस पर बस तेरा ही नाम है
तुझे ये बताओं तो बताओं कैसे.
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