Pages

Monday, November 2, 2015

रात आती है तेरी याद चली आती है

रात आती है तेरी याद चली आती है
किस शहर से तेरी आवाज चली आती है

चाँद ने खूब सहा है सूरज की अगन
तेरी ये आग मुझसे न सही जाती है

दिल में उतरी है तेरी दर्द भरी आँखें
मेरी आँखों में वही प्यास जगी जाती है

हमने देखा था खुद को तेरी सूरत में
आईना देखकर अब रात कटी जाती है

No comments:

Post a Comment