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दर्द भरी शायरी
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दर्द भरी शायरी
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Friday, May 5, 2017
मत पूछ कि क्या हाल है मेरा तेरे पीछे
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बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया है मेरे आगे होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे। होता है निहाँ गर्द में सहरा मेरे होते घिसता है जबीं ख़ाक पे दर...
Wednesday, December 18, 2013
दर्द भरी शायरी
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शीशे के खिलौनों से खेला नहीं जाता रेतों के घरौंदों को तोड़ा नहीं जाता आहिस्ते से आती हवा को कैसे कहूँ मैं कि बेशरमी से बदन को छुआ नही...
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