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Monday, May 1, 2017

एक आख़िरी हसीन मुलाक़ात होगी

तुम आना मेरे जनाज़े मे
एक आख़िरी हसीन मुलाक़ात होगी

मेरे जिस्म मे बेशक मेरी जान ना होगी
मेरी जान मेरे जिस्म के पास तो होगी


हाथों में उसका हाथ था
दिल में उसकी तस्वीर

किये वादे थे साथ ज़िंदगी बिताने के
हाथो की लकीरो को कुछ और मंज़ूर था

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