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सच्ची मोहब्बत शायरी
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सच्ची मोहब्बत शायरी
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Wednesday, February 5, 2014
वफा का आईना जब तेरी नजर से गुजरा
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इश्क की आबरू हमने बचा लिया अक्सर चिरागे-दिल से मुकद्दर जला लिया अक्सर कौन चाहेगा कि खुद मौत को पीते जाएँ दर्द ने सबको शराबी बना दिया...
Sunday, January 26, 2014
ये खामोश गजल मैं तुमको सुनाऊं कैसे
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छलकते दर्द को होठों से बताऊं कैसे ये खामोश गजल मैं तुमको सुनाऊं कैसे दर्द गहरा हो तो आवाज़ खो जाती है जख़्म से टीस उठे तो तुमको पुकारूं ...
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