Thursday, March 30, 2017

मेरे बहते आंसुओ की कोई कदर नहीं

मेरे बहते आंसुओ की कोई कदर नहीं
क्यों इस तरह नजरो से गिरा देते हो

क्या यही मौसम पसंद है तुम्हे जो,
सर्द रातो में आंसुओ की बारिश करवा देते हो



आखिर क्यों मुझे तुम इतना दर्द देते हो
जब भी मन में आये क्यों रुला देते हो

निगाहें बेरुखी हैं और तीखे हैं लफ्ज़
ये कैसी मोहब्बत हैं जो तुम मुझसे करते हो

Tuesday, March 21, 2017

नज़र ने नज़र से मुलाक़ात कर ली

तेरी हर अदा मोहब्बत सी लगती है,
एक पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है,

पहले नही सोचा था अब सोचने लगे है हम,
जिंदगी के हर लम्हों में तेरी ज़रूरत सी लगती है


नज़र ने नज़र से मुलाक़ात कर ली,
रहे दोनों खामोश पर बात करली,

मोहब्बत की फिजा को जब खुश पाया,
इन आंखों ने रो रो के बरसात कर ली

Wednesday, March 8, 2017

कुछ सितारों की चमक नहीं जाती

कुछ सितारों की चमक नहीं जाती,
कुछ यादों की खनक नहीं जाती,

कुछ लोगों से होता है ऐसा रिश्ता,
कि दूर रहके भी उनकी महक नहीं जाती।


मेरी यादें, मेरा चेहरा, मेरी बातें रुलायेंगी,
हिज़्र के दौर में, गुज़री मुलाकातें रुलायेंगी,

दिन तो चलो तुम काट भी लोगे फसानों में,
जहाँ तन्हा रहोगे तुम, तुम्हें रातें रुलायेंगी।