Wednesday, December 20, 2017

दिल-ऐ -ग़म गुस्ताख़ - Love Shayari in Hindi

दिया है दिल अगर उस को , बशर है क्या कहिये 
हुआ रक़ीब तो वो , नामाबर है , क्या कहिये

यह ज़िद की आज न आये और आये बिन न रहे
काजा से शिकवा हमें किस क़दर है , क्या कहिये

ज़ाहे -करिश्मा के यूँ दे रखा है हमको फरेब 
की बिन कहे ही उन्हें सब खबर है , क्या कहिये


समझ के करते हैं बाजार में वो पुर्सिश -ऐ -हाल
की यह कहे की सर -ऐ -रहगुज़र है , क्या कहिये

तुम्हें नहीं है सर-ऐ-रिश्ता-ऐ-वफ़ा का ख्याल
हमारे हाथ में कुछ है , मगर है क्या कहिये

कहा है किस ने की “ग़ालिब ” बुरा नहीं लेकिन
सिवाय इसके की आशुफ़्तासार है क्या कहिये

आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की

आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की,
लम्हें तो अपने आप मिल जाते हैं,

कौन पूछता है पिंजरे में बंद परिंदों को,
याद वही आते हैं जो उड़ जाते हैं.


भी सूरज नहीं डूबा जरा सी शाम होने दो,

मैं खुद लौट जाऊंगा मुझे नाकाम तो होने दो,

मुझे बदनाम करने का बहाना ढूंढ़ता है जमाना,
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले मेरा नाम तो होने दो.

Tuesday, December 12, 2017

संगमरमर के महल में तेरी तस्वीर सजाऊंगा

संगमरमर के महल में तेरी तस्वीर सजाऊंगा, 
अपने इस दिल में तेरे ही ख्वाब जगाऊंगा, 

यूँ एक बार आजमा के देख तेरे दिल में बस जाऊंगा, 
मैं तो प्यार का हूँ प्यासा तेरे आगोश में मर जाऊॅंगा.


कब तक वो मेरा होने से इंकार करेगा, 

खुद टूट कर वो एक दिन मुझसे प्यार करेगा,

इश्क़ की आग में उसको इतना जला देंगे, 
कि इज़हार वो मुझसे सर-ए-बाजार करेगा.