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Tuesday, June 30, 2020

रुखों के चाँद लबों के गुलाब माँगे है

रुखों के चाँद लबों के गुलाब माँगे है,

बदन की प्यास बदन की शराब माँगे है।

मैं कितने लम्हे न जाने कहाँ गँवा आया,

तेरी निगाह तो सारा हिसाब माँगे है।


मैं किस से पूछने जाऊं कि आज हर कोई,

मेरे सवाल का मुझसे जवाब माँगे है।

दिल-ए-तबाह का यह हौसला भी क्या कम है,

हर एक दर्द से जीने की ताब माँगे है।

बजा कि वज़ा-ए-हया भी है एक चीज़ मगर,

निशात-ए-दिल तुझे बे-हिजाब माँगे है।

Thursday, June 18, 2020

आग लगी दिल में जब वो खफ़ा हुए

आग लगी दिल में जब वो खफ़ा हुए,
एहसास हुआ तब, जब वो जुदा हुए,

करके वफ़ा वो हमे कुछ दे न सके,
लेकिन दे गये बहुत कुछ जब वो वेबफा हुए।


किसी न किसी को किसी पर एतवार हो जाता है,
एक अजनबी सा चेहरा ही यार हो जाता है,

खूबियों से ही नही होती मोहब्बत सदा,
किसी की कमियों से भी कभी प्यार हो जाता है।

Monday, September 23, 2019

कौन सी शय मुझको पहुँचाएगी तेरे शहर

मैं तो झोंका हूँ हवाओं का उड़ा ले जाऊंगा,
जागते रहना तुझे तुझसे चुरा ले जाऊंगा।

हो के कदमों पे निछावर फूल ने बुत से कहा,
ख़ाक में मिलकर भी मैं खुशबू बचा ले जाऊंगा।

कौन सी शय मुझको पहुँचाएगी तेरे शहर,
ये पता तो तब चलेगा जब पता ले जाऊंगा।


कोशिशें मुझको मिटाने की भले हो कामयाब,
मिटते मिटते भी मैं मिटने का मजा ले जाऊंगा।

शोहरतें जिनकी वजह से दोस्त दुश्मन हो गए,
सब यहीं रह जाएँगी मैं साथ क्या ले जाऊंगा।

Friday, August 16, 2019

इल्जाम न दे मुझको तूने ही सिखाई बेवफाई है

मुझे उसके आँचल का आशियाना न मिला,
उसकी ज़ुल्फ़ों की छाँव का ठिकाना न मिला,
कह दिया उसने मुझको ही बेवफा…
मुझे छोड़ने के लिए कोई बहाना न मिला।


इल्जाम न दे मुझको तूने ही सिखाई बेवफाई है,
देकर के धोखा मुझे मुझको दी रुसवाई है,
मोहब्बत में दिया जो तूने वही अब तू पाएगी,
पछताना छोड़ दे तू भी औरों से धोखा खायेगी।

Tuesday, February 5, 2019

हमको तेरे ख्याल से कभी फुर्सत नहीं मिली

अजब मौसम है, मेरे हर कदम पे फूल रखता है, 
मोहब्बत में मोहब्बत का फरिश्ता साथ चलता है, 

मैं जब सो जाऊँ, इन आँखों पे अपने होंठ रख देना, 
यकीं आ जायेगा, पलकों तले भी दिल धड़कता है।


सब कुछ मिला सुकून की दौलत नहीं मिली, 
एक तुझको भूल जाने की मौहलत नहीं मिली, 

करने को बहुत काम थे अपने लिए मगर, 
हमको तेरे ख्याल से कभी फुर्सत नहीं मिली।

Tuesday, September 26, 2017

तन्हाई मेरे दिल में समाती चली गयी

उनके होंठो पे मेरा नाम जब आया होगा,
खुदको रुसवाई से फिर कैसे बचाया होगा,

सुनके फसाना औरो से मेरी बर्बादी का,
क्या उनको अपना सितम ना याद आया होगा.

रेत पर नाम कभी लिखते नहीं,
रेत पर लिखे नाम कभी टिकते नहीं,


तुम कहते हो पत्थर दिल हूँ मैं,
पत्थर पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं.

तन्हाई मेरे दिल में समाती चली गयी,
किस्मत भी अपना खेल दिखाती चली गयी,

महकती फ़िज़ा की खुशबू में जो देखा तुम को,
बस याद उनकी आई और रुलाती चली गयी.