सजा कैसी मिली मुझको तुमसे दिल लगाने की,
रोना ही पड़ा है जब कोशिश की मुस्कुराने की,
कौन बनेगा यहाँ मेरी दर्द-भरी रातों का हमराज,
दर्द ही मिला जो तुमने कोशिश की आजमाने की।
आशियाँ बस गया जिनका, उन्हें आबाद रहने दो,
पड़े जो दर्द भरे छाले, जिगर में यूँ ही रहने दो,
कुरेदो ना मेरे दिल को, ये अर्जी है जहां वालों,
छिपा है राज अब तक जो, राज को राज रहने दो।
जीत ले जो दिल वो नजर हम भी रखते हैं,
भीड़ में भी नजर आये वो असर हम भी रखते हैं,
यूँ तो हमने किसी को मुस्कुराने को कसम दी है,
वरना इन बदनसीब आँखों में समंदर हम भी रखते हैं।
बहारों के फूल एक दिन मुरझा जायेंगे,
भूले से कहीं याद तुम्हें हम आ जायेंगे,
अहसास होगा तुमको हमारी मोहब्बत का,
जब कहीं हम तुमसे बहुत दूर चले जायेंगे।