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Thursday, July 11, 2019

कोई हँसे तो तुझे ग़म लगे खुशी न लगे

हम रूठे हुए दिलों को मनाने में रह गए,
गैरों को दिल का दर्द सुनाने में रह गए,
मंज़िल हमारी हमारे करीब से गुज़र गई,
हम दूसरों को रास्ता दिखाने में रह गए।

वो खून बनके मेरी रगों में मचलता है,
करूँ जो आह तो लब से धुँआ निकलता है,
मोहब्बत का रिश्ता भी अजीब है यारों,
ये ऐसा घर है जो बरसात में भी जलता है।


कोई इस दर्द-ए-दिल की दवा ला दो मुझे,
किसी पे ऐतबार न करूँ वो हुनर सिखा दो मुझे,
वैसे मैं हर एक खेल का शौक रखता हूँ,
दिलों से खेलना भी कोई सिखा दो मुझे।

कोई हँसे तो तुझे ग़म लगे खुशी न लगे,
ये दिल की लगी थी दिल को दिल्लगी न लगे,
तू रोज उठ कर रोया करे चाँदनी रातों में,
खुदा करे कि तेरा भी मेरे बिना दिल न लगे।

Thursday, April 4, 2019

शाम है बुझी बुझी वक्त है खफा खफा

शाम है बुझी बुझी वक्त है खफा खफा, 
कुछ हंसीं यादें हैं कुछ भरी सी आँखें हैं,

कह रही है मेरी ये तरसती नजर, 
अब तो आ जाइये अब न तड़पाइये. 


हम ठहर भी जायेंगे राह-ए-जिंदगी में 
तुम जो पास आने का इशारा करो, 

मुँह को फेरे हुए मेरे तकदीर सी, 
यूँ न चले जाइये अब तो आ जाइये.

Tuesday, December 12, 2017

संगमरमर के महल में तेरी तस्वीर सजाऊंगा

संगमरमर के महल में तेरी तस्वीर सजाऊंगा, 
अपने इस दिल में तेरे ही ख्वाब जगाऊंगा, 

यूँ एक बार आजमा के देख तेरे दिल में बस जाऊंगा, 
मैं तो प्यार का हूँ प्यासा तेरे आगोश में मर जाऊॅंगा.


कब तक वो मेरा होने से इंकार करेगा, 

खुद टूट कर वो एक दिन मुझसे प्यार करेगा,

इश्क़ की आग में उसको इतना जला देंगे, 
कि इज़हार वो मुझसे सर-ए-बाजार करेगा.

Wednesday, October 11, 2017

कुछ लोग यूँ ही शहर मे हम से भी खफा हैं

दिल मे ना हो ज़रूरत तो मोहब्बत नही मिलती,
खैरात मे इतनी बड़ी दौलत नही मिलती,

कुछ लोग यूँ ही शहर मे हम से भी खफा हैं,
हर एक से अपनी भी तबीयत नही मिलती.


देखा था जिसे मैने कोई और था शायद,
वो कौन है जिस से तेरी सूरत नही मिलती,

हंसते हुए चेहरो से है बाज़ार की ज़न्नत,
रोने को यहा वैसे भी फ़ुर्सत नही मिलती.