Friday, March 30, 2018

हम दोस्ती एहसान वफ़ा भूल गए हैं

हम दोस्ती एहसान वफ़ा भूल गए हैं,
ज़िंदा तो है जीने की अदा भूल गए हैं.

ख़ुशबू जो लुटाती है मसलते हैं उसी को,
एहसान का बदला यही मिलता है कली को,
एहसान तो लेते है, सिला भूल गए हैं.


करते है मोहब्बत का और एहसान का सौदा,
मतलब के लिए करते है ईमान का सौदा,
डर मौत का और ख़ौफ़-ऐ-ख़ुदा भूल गए हैं.

अब मोम पिघल कर कोई पत्थर नही होता,
अब कोई भी क़ुर्बान किसी पर नही होता,
यूँ भटकते है मंज़िल का पता भूल गए हैं.

Wednesday, March 21, 2018

आपके दिल ने हमें आवाज दी हम आ गए

आपके दिल ने हमें आवाज दी हम आ गए,
हमको ले आई मोहब्बत आपकी हम आ गए.

अपने आने का सबब हम क्या बताएँ आपको,
बैठे बैठे याद आई आपकी हम आ गए.


हम है दिलवाले भला हम पर किसी का ज़ोर क्या,
जायेंगे अपनी ख़ुशी अपनी ख़ुशी हम आ गए.

कहिये अब क्या है चराग़ों की ज़रुरत आपको,
लेके आँखों में वफ़ा की रौशनी हम आ गए.

Saturday, March 10, 2018

काँटों से दामन उलझाना मेरी आदत है

काँटों से दामन उलझाना मेरी आदत है,
दिल मे पराया दर्द बसाना मेरी आदत है.

मेरा गला गर कट जाए तो तुझ पर क्या इल्ज़ाम,
हर क़ातिल को गले लगाना मेरी आदत है.


जिन को दुनिया ने ठुकराया जिन से हैं सब दूर,
ऐसे लोगों को अपनाना मेरी आदत है.

सब की बातें सुन लेता हूँ मैं चुपचाप मगर,
अपने दिल की करते जाना मेरी आदत है.