नशीली आँखों से वो जब हमें देखते हैं,
हम घबराकर ऑंखें झुका लेते हैं,
कौन मिलाए उनकी आँखों से ऑंखें,
सुना है वो आँखों से अपना बना लेते है।
मोहब्बत के सपने दिखाते बहुत हैं,
वो रातों में हमको जगाते बहुत हैं,
मैं आँखों में काजल लगाऊं तो कैसे,
इन आँखों को लोग रुलाते बहुत हैं।