Tuesday, June 26, 2018

दर्द अगर काजल होता तो आँखों में लगा लेते

दर्द अगर काजल होता तो आँखों में लगा लेते;
दर्द अगर आँचल होता तो अपने सर पर सजा लेते;

दर्द अगर समुंदर होता तो दिल को हम साहिल बना लेते;
और दर्द अगर तेरी मोहब्बत होती तो उसको चाहत-ऐ ला हासिल बना लेते।



गर तेरी नज़र एक बार हम पर होती,
इश्क़ की खुमारी हमे भी महसोस होती,

कुछ तोड़ने का एहसास तुम्हे ज़रूर होता मगर,
दिल के टूटने पर कोई आवाज़ नही होती.

Thursday, June 21, 2018

तुम्हारी मोहब्बत मे मै दीवानी हो गयी हूँ

तुम्हारी मोहब्बत मे मै दीवानी हो गयी हूँ,
ना रही खुद की खबर बेगानी हो गयी हूँ,

चाहा था ना करूँ तुम से प्यार,
मगर कम्बख़त तुम्हारी आशिक़ुए हो गयी हूँ,

अब तो खुदा ही जाने क्या होगा मेरा,
जो इस तरह मई तुम्हारी दीवानी हो गयी हूँ.


हम तो किताब ए दिल को पढ़ रहे थे,
हमारा भी नाम उसमे जुड़ा हुवा मिला,

जब हमने अपने नाम का पन्ना खोला,
तब किस्मत देखो वोही पन्ना मुड़ा हुवा मिला.

Monday, June 11, 2018

गुलशन-गुलशन शोला-ए-ग़ुल की ज़ुल्फ़-ए-सबा की बात चली

गुलशन-गुलशन शोला-ए-ग़ुल की ज़ुल्फ़-ए-सबा की बात चली
हर्फ़-ए-जुनूँ की बंद-गिराँ की ज़ुल्म-ओ-सज़ा की बात चली।
ज़िंदा-ज़िंदा शोर-ए-जुनूँ है मौसम-ए-गुल के आने से
महफ़िल-महफ़िल अबके बरस अरबाब-ए-वफ़ा की बात चली।

अहद-ए-सितम है देखें हम आशुफ़्ता-सरों पर क्या गुजरे
शहर में उसके बंद-ए-क़बा के रंग-ए-हिना की बात चली।
एक हुआ दीवाना एक ने सर तेशे से फोड़ लिया
कैसे-कैसे लोग थे जिनसे रस्म-ए-वफ़ा की बात चली।