Tuesday, June 30, 2020

रुखों के चाँद लबों के गुलाब माँगे है

रुखों के चाँद लबों के गुलाब माँगे है,

बदन की प्यास बदन की शराब माँगे है।

मैं कितने लम्हे न जाने कहाँ गँवा आया,

तेरी निगाह तो सारा हिसाब माँगे है।


मैं किस से पूछने जाऊं कि आज हर कोई,

मेरे सवाल का मुझसे जवाब माँगे है।

दिल-ए-तबाह का यह हौसला भी क्या कम है,

हर एक दर्द से जीने की ताब माँगे है।

बजा कि वज़ा-ए-हया भी है एक चीज़ मगर,

निशात-ए-दिल तुझे बे-हिजाब माँगे है।

कोई जाता है यहाँ से न कोई आता है

कोई जाता है यहाँ से न कोई आता है, 

ये दीया अपने ही अँधेरे में घुट जाता है। 

सब समझते हैं वही रात की किस्मत होगा, 

जो सितारा बुलंदी पर नजर आता है। 

मैं इसी खोज में बढ़ता ही चला जाता हूँ, 

किसका आँचल है जो पर्बतों पर लहराता है। 

मेरी आँखों में एक बादल का टुकड़ा शायद, 

कोई मौसम हो सरे-शाम बरस जाता है। 

दे तसल्ली कोई तो आँख छलक उठती है, 

कोई समझाए तो दिल और भी भर आता है।

Thursday, June 18, 2020

आग लगी दिल में जब वो खफ़ा हुए

आग लगी दिल में जब वो खफ़ा हुए,
एहसास हुआ तब, जब वो जुदा हुए,

करके वफ़ा वो हमे कुछ दे न सके,
लेकिन दे गये बहुत कुछ जब वो वेबफा हुए।


किसी न किसी को किसी पर एतवार हो जाता है,
एक अजनबी सा चेहरा ही यार हो जाता है,

खूबियों से ही नही होती मोहब्बत सदा,
किसी की कमियों से भी कभी प्यार हो जाता है।