Monday, March 30, 2020

दिया दिए से जला लूं तो सुकून आये मुझे

दिया दिए से जला लूं तो सुकून आये मुझे,
तुम्हें गले से लगा लूं तो चैन आये मुझे,

मोहब्बतों के सहीफ़े हैं या अज़ाब कोई,
तेरे खतों को जला लूं तो चैन आये मुझे।


गुलशन की बहारों पे सर-ए-शाम लिखा है,
फिर उस ने किताबों पे मेरा नाम लिखा है,

ये दर्द इसी तरह मेरी दुनिया में रहेगा,
कुछ सोच के उस ने मेरा अंजाम लिखा है।

Wednesday, March 11, 2020

दिल भी अब ये दीवाना ना रहा

ज़िन्दगी का वाे फ़साना ना रहा,
दिल भी अब ये दीवाना ना रहा.

भीगें बरसातों में सोचा बरसों से,
आज पर मौसम सुहाना ना रहा.


बेरूखियों से लफ़्ज भी गूँगे हुए,
और वो दिलकश तराना ना रहा.

परछाँईयाँ पलकों में धुँधली हुई,
कनखियों का मुस्कुराना ना रहा.

क्यूँ सुनाऊँ तुमको मैं शिकवे गिले,
प्यार जब अपना पुराना ना रहा.