दिया दिए से जला लूं तो सुकून आये मुझे,
तुम्हें गले से लगा लूं तो चैन आये मुझे,
Monday, March 30, 2020
Wednesday, March 11, 2020
दिल भी अब ये दीवाना ना रहा
ज़िन्दगी का वाे फ़साना ना रहा,
दिल भी अब ये दीवाना ना रहा.
भीगें बरसातों में सोचा बरसों से,
आज पर मौसम सुहाना ना रहा.
बेरूखियों से लफ़्ज भी गूँगे हुए,
और वो दिलकश तराना ना रहा.
परछाँईयाँ पलकों में धुँधली हुई,
कनखियों का मुस्कुराना ना रहा.
क्यूँ सुनाऊँ तुमको मैं शिकवे गिले,
प्यार जब अपना पुराना ना रहा.
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