आखिर क्यों मुझे तुम इतना दर्द देते हो
जब भी मन में आये क्यों रुला देते हो,
निगाहें बेरुखी हैं और तीखे हैं लफ्ज़,
ये कैसी मोहब्बत हैं जो तुम मुझसे करते हो.
मेरे बहते आंसुओ की कोई कदर नहीं,
क्यों इस तरह नजरो से गिरा देते हो,
क्या यही मौसम पसंद है तुम्हे जो,
सर्द रातो में आंसुओ की बारिश करवा देते हो