तेरी खामोशी किसी सदमे की निशानी है
तेरी आंखों में गहरे जख्म का पानी है
जो गुलाबी बदन में दर्द को भर दे
उस कांटे का एक नाम बस जवानी है
इन खुली जुल्फों में आवारगी सी लगती है
तेरी बिखड़ी लटें तेरी तरह दीवानी है
रोग ऐसा है तो मरहम जाने क्या होगा
दिले-नादां की ये पीड़ भी अंजानी है
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