कुछ उलझे सवालो से डरता हे दिल
जाने क्यों तन्हाई में बिखरता हे दिल
किसी को पाने कि अब कोई चाहत न रही
बस कुछ अपनों को खोने से डरता हे ये दिल.
जब खामोश आँखो से बात होती है
ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है
तुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैं
पता नही कब दिन और कब रात होती है.
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