पत्थर की दुनिया जज़्बात नही समझती,
दिल में क्या है वो बात नही समझती,
तन्हा तो चाँद भी सितारों के बीच में है,
पर चाँद का दर्द वो रात नही समझती.
रोने की सज़ा ना रुलाने की सज़ा है,
ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा है,
हसते है तो आँखों से निकल आते है आंसु,
ये उस शख्स से दिल लगाने की सज़ा है.
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