आज मुझे ये शाम सजाने की इजाज़त दे दो
आज मुझे ये बताने की इजाज़त दे दो,
आज मुझे ये शाम सजाने की इजाज़त दे दो,
अपने इश्क़ मे मुझे क़ैद कर लो,
आज जान तुम पर लूटाने की इजाज़त दे दो.
खुदा की रहमत में अर्जियाँ नहीं चलतीं,
दिलों के खेल में खुदगर्जियाँ नहीं चलतीं,
चल ही पड़े हैं तो ये जान लीजिए हुजुर,
इश्क़ की राह में मनमर्जियाँ नहीं चलतीं.
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