तुम्हारी मोहब्बत मे मै दीवानी हो गयी हूँ,
ना रही खुद की खबर बेगानी हो गयी हूँ,
चाहा था ना करूँ तुम से प्यार,
मगर कम्बख़त तुम्हारी आशिक़ुए हो गयी हूँ,
अब तो खुदा ही जाने क्या होगा मेरा,
जो इस तरह मई तुम्हारी दीवानी हो गयी हूँ.
हम तो किताब ए दिल को पढ़ रहे थे,
हमारा भी नाम उसमे जुड़ा हुवा मिला,
जब हमने अपने नाम का पन्ना खोला,
तब किस्मत देखो वोही पन्ना मुड़ा हुवा मिला.
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