Friday, June 11, 2021

जलने दो ज़माने को चलो एक साथ चलते हैं

जलने दो ज़माने को चलो एक साथ चलते हैं,

नयी दुनिया बसाने को चलो एक साथ चलते हैं,

हमें जीवन का हर लम्हा तुम्हारे नाम करना है,

यही वादा निभाने को चलो एक साथ चलते हैं।


इस दिल को अगर तेरा एहसास नहीं होता,

तू दूर भी रह कर के यूँ पास नहीं होता,

इस दिल ने तेरी चाहत कुछ ऐसे बसाली है,

एक लम्हा भी तुझ बिन कुछ खास नहीं होता।


हर लम्हा अपनी पलकों पर बिठाया तुझे,

फिर भी ये इश्क़ मेरा न रास आया तुझे,

किस्मत की भी है यह अजीब दास्ताँ,

कभी हसाया तो कभी रुलाया मुझे।


लाख बंदिशें लगा ले दुनिया हम पर,

मगर दिल पर काबू नहीं कर पाएंगे,

वो लम्हा आखिरी होगा ज़िन्दगी का हमारा,

जिस दिन हम यार तुझे भूल जायेंगे।

Tuesday, June 30, 2020

रुखों के चाँद लबों के गुलाब माँगे है

रुखों के चाँद लबों के गुलाब माँगे है,

बदन की प्यास बदन की शराब माँगे है।

मैं कितने लम्हे न जाने कहाँ गँवा आया,

तेरी निगाह तो सारा हिसाब माँगे है।


मैं किस से पूछने जाऊं कि आज हर कोई,

मेरे सवाल का मुझसे जवाब माँगे है।

दिल-ए-तबाह का यह हौसला भी क्या कम है,

हर एक दर्द से जीने की ताब माँगे है।

बजा कि वज़ा-ए-हया भी है एक चीज़ मगर,

निशात-ए-दिल तुझे बे-हिजाब माँगे है।

कोई जाता है यहाँ से न कोई आता है

कोई जाता है यहाँ से न कोई आता है, 

ये दीया अपने ही अँधेरे में घुट जाता है। 

सब समझते हैं वही रात की किस्मत होगा, 

जो सितारा बुलंदी पर नजर आता है। 

मैं इसी खोज में बढ़ता ही चला जाता हूँ, 

किसका आँचल है जो पर्बतों पर लहराता है। 

मेरी आँखों में एक बादल का टुकड़ा शायद, 

कोई मौसम हो सरे-शाम बरस जाता है। 

दे तसल्ली कोई तो आँख छलक उठती है, 

कोई समझाए तो दिल और भी भर आता है।

Thursday, June 18, 2020

आग लगी दिल में जब वो खफ़ा हुए

आग लगी दिल में जब वो खफ़ा हुए,
एहसास हुआ तब, जब वो जुदा हुए,

करके वफ़ा वो हमे कुछ दे न सके,
लेकिन दे गये बहुत कुछ जब वो वेबफा हुए।


किसी न किसी को किसी पर एतवार हो जाता है,
एक अजनबी सा चेहरा ही यार हो जाता है,

खूबियों से ही नही होती मोहब्बत सदा,
किसी की कमियों से भी कभी प्यार हो जाता है।

Monday, March 30, 2020

दिया दिए से जला लूं तो सुकून आये मुझे

दिया दिए से जला लूं तो सुकून आये मुझे,
तुम्हें गले से लगा लूं तो चैन आये मुझे,

मोहब्बतों के सहीफ़े हैं या अज़ाब कोई,
तेरे खतों को जला लूं तो चैन आये मुझे।


गुलशन की बहारों पे सर-ए-शाम लिखा है,
फिर उस ने किताबों पे मेरा नाम लिखा है,

ये दर्द इसी तरह मेरी दुनिया में रहेगा,
कुछ सोच के उस ने मेरा अंजाम लिखा है।

Wednesday, March 11, 2020

दिल भी अब ये दीवाना ना रहा

ज़िन्दगी का वाे फ़साना ना रहा,
दिल भी अब ये दीवाना ना रहा.

भीगें बरसातों में सोचा बरसों से,
आज पर मौसम सुहाना ना रहा.


बेरूखियों से लफ़्ज भी गूँगे हुए,
और वो दिलकश तराना ना रहा.

परछाँईयाँ पलकों में धुँधली हुई,
कनखियों का मुस्कुराना ना रहा.

क्यूँ सुनाऊँ तुमको मैं शिकवे गिले,
प्यार जब अपना पुराना ना रहा.

Monday, September 23, 2019

खड़े-खड़े साहिल पर हमने शाम कर दी

खड़े-खड़े साहिल पर हमने शाम कर दी,
अपना दिल और दुनिया आप के नाम कर दी,
ये भी न सोचा कैसे गुज़रेगी ज़िंदगी,
बिना सोचे-समझे हर ख़ुशी आपके नाम कर दी।

होंठो पर देखो फिर आज मेरा नाम आया है,
लेकर नाम मेरा देखो महबूब कितना शरमाया है,
पूछे उनसे मेरी आँखें कितना इश्क है मुझसे,
पलके झुकाके वो बोले कि मेरी हर साँस में बस तू ही समाया है।



ऐ बारिश जरा थम के बरस,
जब वो आ जाये तो जम के बरस,
पहले न बरस के वो आ न सके,
फिर इतना बरस के वो जा न सके।

तुम्हें बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
तुम्हें हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम,
तुम्हें बोलना पसंद है मुझे बोलते हुए तुम,
तुम्हें सब कुछ पसंद है और मुझे बस तुम।

दिल के बाज़ार में दौलत नही देखी जाती

किसी की धड़कनों के पीछे कोई बात होती है।
हर दर्द के पीछे कोई याद होती होती है।

आपको पता हो या ना हो।
आपकी हँसी या खुशी के पीछे हमारी फ़रयाद होती है। 

दिल के बाज़ार में दौलत नही देखी जाती।
प्यार अगर हो जाये तो सूरत नही देखी जाती।

ऐसी क्या दुआ दूं आपको जो आपके लबो पर हँसी के फूल खिलें।
बस यही दुआ है मेरी सितारों से रोशन ख़ुदा आपकी तकदीर बने।


बात बात मे जो रुठ जाते हैं।
अनजाने मे उनसे हाथ छूठ जाते है।

कहते है बड़े कमजोर होते हैं प्यार के रिश्ते।
इसमे हँसते हँसते दिल टूट जते हैं।

अपनी उल्फ़त का यकीन दिला सकते नही।
सारी ज़िन्दगी आपको भुला सकते नही।

हम ओर क्या दे आपको प्यार के सिवा।
चाँद ओर तारे तो ला सकते नही।

ज़िन्दगी बदलती है वख्त के साथ

तरसती नज़रो ने हर पल आपको ऐसे मागा।
जैसे हर अमावस में चांद मागा।
रूठ गया वो खुदा भी हमसे ।
जब हमने अपनी हर दुआ में आपको मागा।

जो प्यार का रिश्ता हम बनाते है।
उसे लोगो से क्यों छुपाते है।
क्या गुनाह है किसी को प्यार करना।
तो बचपन से हमे प्यार करना क्यों सिखाते है।


यादों की हवा ज़ख्मों की दवा बन गई।
दूरी उनकी मेरी चाहत की सज़ा बन गई।
कैसे भूलूं में उन्हें एक पल के लिए ।
उनकी याद ही मेरी जीने की वजह बन गई।

वख्त बदलता है जिंदगी के साथ।
ज़िन्दगी बदलती है वख्त के साथ।
वख्त नही बदलता अपनो के साथ।
बस अपने ही बदल जाते है वख्त के साथ। 

उधर आँखों में मंज़र आज भी वैसे का वैसा है

तमन्ना छोड़ देते हैं... इरादा छोड़ देते हैं,
चलो एक दूसरे को फिर से आधा छोड़ देते हैं।

उधर आँखों में मंज़र आज भी वैसे का वैसा है,
इधर हम भी निगाहों को तरसता छोड़ देते हैं।

हमीं ने अपनी आँखों से समन्दर तक निचोड़े हैं,
हमीं अब आजकल दरिया को प्यासा छोड़ देते हैं।


हमारा क़त्ल होता है, मोहब्बत की कहानी में,
या यूँ कह लो कि हम क़ातिल को ज़िंदा छोड़ देते हैं।

हमीं शायर हैं, हम ही तो ग़ज़ल के शाहजादे हैं,
तआरुफ़ इतना देकर बाक़ी मिसरा छोड़ देते हैं।

कौन सी शय मुझको पहुँचाएगी तेरे शहर

मैं तो झोंका हूँ हवाओं का उड़ा ले जाऊंगा,
जागते रहना तुझे तुझसे चुरा ले जाऊंगा।

हो के कदमों पे निछावर फूल ने बुत से कहा,
ख़ाक में मिलकर भी मैं खुशबू बचा ले जाऊंगा।

कौन सी शय मुझको पहुँचाएगी तेरे शहर,
ये पता तो तब चलेगा जब पता ले जाऊंगा।


कोशिशें मुझको मिटाने की भले हो कामयाब,
मिटते मिटते भी मैं मिटने का मजा ले जाऊंगा।

शोहरतें जिनकी वजह से दोस्त दुश्मन हो गए,
सब यहीं रह जाएँगी मैं साथ क्या ले जाऊंगा।

बहुत सुकून मिलता है जब उनसे हमारी बात होती है

बहुत सुकून मिलता है जब उनसे हमारी बात होती है,
वो हजारो रातों में वो एक रात होती है,

जब निगाहें उठा कर देखते हैं वो मेरी तरफ,
तब वो ही पल मेरे लिये पूरी कायनात होती है।


हर कदम हर पल हम आपके साथ है,
भले ही आपसे दूर सही, लेकिन आपके पास हैं,

जिंदगी में हम कभी आपके हो या न हों,
लेकिन हमे आपकी कमी का हर पल एहसास हैं।

Friday, August 16, 2019

जल-जल के दिल मेरा जलन से जल रहा

जल-जल के दिल मेरा जलन से जल रहा,
एक अश्क मेरे आँख में मुद्दत से पल रहा,
जिसका मैं कर रहा हूँ घुट-घुट के इंतजार,
वो बेवफा ना आई मेरा दम निकल रहा।

मुझे इश्क है बस तुमसे नाम बेवफा मत देना,
गैर जान कर मुझे इल्जाम बेवजह मत देना,
जो दिया है तुमने वो दर्द हम सह लेंगे मगर,
किसी और को अपने प्यार की सजा मत देना।


हमने चाहा था जिसे उसे दिल से भुलाया न गया,
जख्म अपने दिल का लोगों से छुपाया न गया,
बेवफाई के बाद भी प्यार करता है दिल उनसे,
कि बेवफाई का इल्ज़ाम भी उस पर लगाया न गया।

हसीं चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये हैं,
इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये हैं,
महफ़िल में मुझे गालियाँ देकर है बहुत खुश ,
जिस शख्स पर मैंने बड़े एहसान किये है।

इल्जाम न दे मुझको तूने ही सिखाई बेवफाई है

मुझे उसके आँचल का आशियाना न मिला,
उसकी ज़ुल्फ़ों की छाँव का ठिकाना न मिला,
कह दिया उसने मुझको ही बेवफा…
मुझे छोड़ने के लिए कोई बहाना न मिला।


इल्जाम न दे मुझको तूने ही सिखाई बेवफाई है,
देकर के धोखा मुझे मुझको दी रुसवाई है,
मोहब्बत में दिया जो तूने वही अब तू पाएगी,
पछताना छोड़ दे तू भी औरों से धोखा खायेगी।

नफरत को मोहब्बत की आँखों में देखा

एक हसरत थी कि उनके दिल में पनाह मिलेगी,
क्या पता था उनसे मोहब्बत की सज़ा मिलेगी,
न अपनों ने समझा न गैरों ने जाना,
क्या पता था मेरी तक़दीर ही मुझे बेवफा मिलेगी.

नफरत को मोहब्बत की आँखों में देखा,
बेरुखी को उनकी अदाओं में देखा,
आँखें नम हुईं और मैं रो पड़ा…
जब अपने को गैरों की बाहों में देखा.


तुम अगर याद रखोगे तो इनायत होगी,
वरना हमको कहाँ तुम से शिकायत होगी,
ये तो वही बेवफ़ा लोगों की दुनिया है,
तुम अगर भूल भी जाओ जो रिवायत होगी.

मोहब्बत का घना बादल बना देता तो अच्छा था,
मुझे तेरी आँख का काजल बना देता तो अच्छा था,
तुझे पाने की ख्वाइश अब जीने नहीं देती,
खुदा तू मुझे पागल बना देता तो अच्छा था.

Friday, July 26, 2019

आशियाँ बस गया जिनका उन्हें आबाद रहने दो

सजा कैसी मिली मुझको तुमसे दिल लगाने की,
रोना ही पड़ा है जब कोशिश की मुस्कुराने की,
कौन बनेगा यहाँ मेरी दर्द-भरी रातों का हमराज,
दर्द ही मिला जो तुमने कोशिश की आजमाने की।

आशियाँ बस गया जिनका, उन्हें आबाद रहने दो,
पड़े जो दर्द भरे छाले, जिगर में यूँ ही रहने दो,
कुरेदो ना मेरे दिल को, ये अर्जी है जहां वालों,
छिपा है राज अब तक जो, राज को राज रहने दो।


जीत ले जो दिल वो नजर हम भी रखते हैं,
भीड़ में भी नजर आये वो असर हम भी रखते हैं,
यूँ तो हमने किसी को मुस्कुराने को कसम दी है,
वरना इन बदनसीब आँखों में समंदर हम भी रखते हैं।

बहारों के फूल एक दिन मुरझा जायेंगे,
भूले से कहीं याद तुम्हें हम आ जायेंगे,
अहसास होगा तुमको हमारी मोहब्बत का,
जब कहीं हम तुमसे बहुत दूर चले जायेंगे।

Monday, July 22, 2019

लोग तो अपना बना कर छोड़ देते हैं

मिले न फूल तो काँटों से जख्म खाना है,
उसी गली में मुझे बार-बार जाना है,
मैं अपने खून का इल्जाम दूँ तो किसको दूँ,
लिहाज ये है कि क़ातिल से दोस्ताना है।

लोग तो अपना बना कर छोड़ देते हैं,
कितनी आसानी से गैरों से रिश्ता जोड़ लेते हैं,
हम एक फूल तक ना तोड़ सके कभी,
कुछ लोग बेरहमी से दिल तोड़ देते हैं।


धीरे धीरे से अब तेरे प्यार का दर्द कम हुआ,
ना तेरे आने के खुशी ना तेरे जाने का गम हुआ,
जब लोग मुझसे पूछते हैं हमारे प्यार की दास्तान,
कह देता हूँ एक फसाना था जो अब खत्म हुआ।

जब किसी का दर्द हद से गुजर जाता है
तो समंदर का पानी आँखों में उतर आता है,
कोई बना लेता है रेत से आशियाना तो,
किसी का लहरों में सबकुछ बिखर जाता है।

Thursday, July 11, 2019

कोई हँसे तो तुझे ग़म लगे खुशी न लगे

हम रूठे हुए दिलों को मनाने में रह गए,
गैरों को दिल का दर्द सुनाने में रह गए,
मंज़िल हमारी हमारे करीब से गुज़र गई,
हम दूसरों को रास्ता दिखाने में रह गए।

वो खून बनके मेरी रगों में मचलता है,
करूँ जो आह तो लब से धुँआ निकलता है,
मोहब्बत का रिश्ता भी अजीब है यारों,
ये ऐसा घर है जो बरसात में भी जलता है।


कोई इस दर्द-ए-दिल की दवा ला दो मुझे,
किसी पे ऐतबार न करूँ वो हुनर सिखा दो मुझे,
वैसे मैं हर एक खेल का शौक रखता हूँ,
दिलों से खेलना भी कोई सिखा दो मुझे।

कोई हँसे तो तुझे ग़म लगे खुशी न लगे,
ये दिल की लगी थी दिल को दिल्लगी न लगे,
तू रोज उठ कर रोया करे चाँदनी रातों में,
खुदा करे कि तेरा भी मेरे बिना दिल न लगे।

Wednesday, June 12, 2019

तुम आजकल बिन बोले मुझसे इस तरह बात करती हो

जिस तरह बे मौसम बारिश सूखे पत्तों पे आवाज़ करती है, 
तुम आजकल बिन बोले मुझसे इस तरह बात करती हो,

ना पता है तुमको मेरी परेशानी का ना ही मेरे दिल की हालत का,
मैं ऐसा क्यों हो रहा हूँ यह सवाल भी नहीं करती हो,

तुम्हें फ़िक्र रह गयी है अपनी और शायद सिर्फ़ अपनी,
क्यों नहीं इस रिश्ते से निकल कर पहली सी मुलाक़ात करती हो,


बहुत दिन हो गये मुझको दोपहर की नींद से जगाए,
क्यों नहीं मेरे कानो में आकर कोई शरारत वाली बात करती हो,

एक वक़्त था जब हम तुम थे सुख दुख के साथी,
क्यों नहीं तुम मुझको समझा कर एक नयी शुरुआत करती हो,

सूखे पत्तों की खरखराहट सी तुम मुझसे बात करती हो,
मैं बहुत उदास हो जाता हूँ जब तुम मुझसे इस तरह बात करती हो.

अगर तुम जोड़ सको तो यह गुलदान ले जाना

मेरी रातों की राहत, दिन के इत्मिनान ले जाना, 
तुम्हारे काम आ जायेगा, यह सामान ले जाना। 

तुम्हारे बाद क्या रखना अना से वास्ता कोई, 
तुम अपने साथ मेरा उम्र भर का मान ले जाना। 

शिकस्ता के कुछ रेज़े पड़े हैं फर्श पर चुन लो, 
अगर तुम जोड़ सको तो यह गुलदान ले जाना। 


तुम्हें ऐसे तो खाली हाथ रुखसत कर नहीं सकते, 
पुरानी दोस्ती है, कि कुछ पहचान ले जाना। 

इरादा कर लिया है तुमने गर सचमुच बिछड़ने का, 
तो फिर अपने यह सारे वादा-ओ-पैमान ले जाना। 

अगर थोड़ी बहुत है, शायरी से उनको दिलचस्पी, 
तो उनके सामने मेरा यह दीवान ले जाना।