रात ढ़लती है तो ढ़लने की दुआ दो इसको
सांस चलती है तो रूकने की दुआ दो इसको
तेरा दुश्मन तेरा दीवाना बना बैठा है
इस जमाने से उठने की दुआ दो इसको
धार सावन की निकलती है तेरी आंखों से
मेरे दरिया में बहने की दुआ दो इसको
एक साया सा तड़पता है जो चराग तले
आग में डूबके मरने की दुआ दो इसको
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