Wednesday, January 1, 2014

तुझे याद कर मुस्कुराने लगे हैं

फिर से खयालात आने लगे हैं

तुझे याद कर मुस्कुराने लगे हैं

उड़-उड़ के गिरता है दिल का परिंदा

टूटे पंखों में जान आने लगे हैं

देखते-देखते ही फिर खिल गए

वो सारे फूल जो मुरझाने लगे हैं

आंखों में अब तेरा ही नूर है

अमावस में तारे उगाने लगे हैं


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