जब अचानक सामने तुम कहीं से आ गए
हम जरा घबड़ा गए, तुम जरा शरमा गए
सोलह बरस के बाद तुम जवाँ हुए तो ये हुआ
देखकर तुझे होशवाले राहों में गश खा गए
तेरी नजर को पढ़ लेना सबके बस की बात नहीं
अपनी हर जज्बाते-बयां तुम काजल में छुपा गए
शायरी में लिखता हूँ मैं अपने दिल की हर बातें
दिलवालों को लफ्जों में तेरी झलक दिखा गए
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