अगर मुझ पर ऐतबार किया होता
तो आपको जाने क्या दिया होता
गमो की गहराई में अगर छोड़ आते हमें
तो भरी महफ़िल में ना ज़हर पिया होता
हमसे रूठ जाने की खता कब तक याद करोगे
हम मर जाएंगे तेरी याद में तो याद करोगे
फिर ना हम यहाँ लोट कर आएगें
रो रोकर मिलने की फरियाद करोगे
No comments:
Post a Comment