Friday, October 28, 2016

वो भी क्या दिन थे की हर वहम यकीं होता था

किस को क़ातिल मैं कहूँ किस को मसीहा समझूँ
सब यहां दोस्त ही बैठे हैं किसे क्या समझूँ

वो भी क्या दिन थे की हर वहम यकीं होता था
अब हक़ीक़त नज़र आए तो उसे क्या समझूँ


दिल जो टूटा तो कई हाथ दुआ को उठे
ऐसे माहौल में अब किस को पराया समझूँ

ज़ुल्म ये है कि है यक्ता तेरी बेगानारवी
लुत्फ़ ये है कि मैं अब तक तुझे अपना समझूँ

हम मुसाफिर सफ़र पे ही चलते रहे

वक़्त बदल गया पर बदली सिर्फ कहानी हे.
साथ मेरे ये खूबसूरत लम्हों की यादे पुरानी हे,
मत लगाओ मेरे ये दर्द भरे ज़ख्मो पे मलम,
मेरे पास सिर्फ उनकी बस यही एक निसानी हे.

वो सूरज की तरह आग उगलते रहे, 
हम मुसाफिर सफ़र पे ही चलते रहे, 
वो बीते वक़्त थे, उन्हें आना न था, 
हम सारी रात करवट बदलते रहे.



प्यार की कली सब के लिए खिलती नहीं, 
चाह कर भी हरेक एक चीज मिलती नहीं,
सच्चा प्यार किस्मत से मिलता है,
पर हर एक को ऐसी किस्मत मिलती नहीं.

आँख तो प्यार में दिल की ज़ुबान होती है,
सच्ची चाहत तो सदा बे-ज़ुबान होती है,
प्यार में दर्द भी मिले तो क्या घबराना,
सुना है दर्द से ही चाहत और जवान होती है.

जिंदगी बेच दी मैंने इसे पाने की खातिर

मुफलिसी जब बदनसीबी में बदलने लगी
और मोहब्बत मेरी बेबसी में बदलने लगी

तब प्यार भरे गीतें को नीलाम कर दिया
शायरी जब मेरी आवारगी में बदलने लगी.

निगाहे बदली मगर अहदे वफ़ा नहीं बदला
तूफानों में कभी हमने नाखुदी नहीं बदला

बहारे आई और आकर चली गयी ओ ग़ालिब
मेरे चमन से लेकिन दौरे खिज़ा नहीं बदला.

इतना भी न सताओ अपने चाहने वालो को

मोहब्बत से गम,गम से हम पेरशान है
लाखो हैं दीवाने तेरे,मगर हम ही बदनाम है

इतना भी न सताओ अपने चाहने वालो को
पागल दीवाने ही सही मगर फिर भी इंसान तो है.



खूबसूरती तो बहुत दी खुदा ने तुम्हे
मगर हमें तुम्हारी वफ़ा ना मिल सकी

बहुत आग दी हमने बुझते चिराग को
मगर मोहब्बत की शमा जल ना सकी.

गमो की गहराई में अगर छोड़ आते हमें

अगर मुझ पर ऐतबार किया होता
तो आपको जाने क्या दिया होता
गमो की गहराई में अगर छोड़ आते हमें
तो भरी महफ़िल में ना ज़हर पिया होता 

हमसे रूठ जाने की खता कब तक याद करोगे
हम मर जाएंगे तेरी याद में तो याद करोगे
फिर ना हम यहाँ लोट कर आएगें
रो रोकर मिलने की फरियाद करोगे

तुम मेरी जिन्दगी मेरी जीने कि वजह बन जाओ

मेरी एक खवाहिश है जो तुम हों,
मेरी एक चाहत है जो तुम हों,

एक ही मेरी दुआ एक ही मेरी फरियाद
बस एक ही मेरी मोहब्बत है जो तुम हों.

मेरी चाहते बढने लगी है,
मुझे तेरी जरूरत होने लगी है,

बस बाहों में आ जाओ मेरी
मुझे तुम से मोहब्बत होने लगी है.



तुम मेरी खुशी बन जाओ,
तुज मेरी हँसी बन जाओ,

हमारी तो चाहत ही यही है
तुम मेरी जिन्दगी मेरी जीने कि वजह बन जाओ.

तुझे सीने से लगाओं कैसे,
तुझे दिल में बसाओं कैसे,

मेरी हर साँस पर बस तेरा ही नाम है
तुझे ये बताओं तो बताओं कैसे.

Tuesday, October 25, 2016

उतर भी आओ कभी आसमाँ के ज़ीने से

वो चांदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है;
बहुत अज़ीज़ हमें है मगर पराया है;

उतर भी आओ कभी आसमाँ के ज़ीने से;
तुम्हें ख़ुदा ने हमारे लिये बनाया है.


हम उस से थोड़ी दूरी पर हमेशा रुक से जाते हैं;
न जाने उस से मिलने का इरादा कैसा लगता है;

मैं धीरे धीरे उन का दुश्मन-ए-जाँ बनता जाता हूँ;
वो आँखें कितनी क़ातिल हैं वो चेहरा कैसा लगता है.

अब हक़ीक़त नज़र आए तो उसे क्या समझूँ

किस को क़ातिल मैं कहूँ किस को मसीहा समझूँ;
सब यहाँ दोस्त ही बैठे हैं किसे क्या समझूँ.

वो भी क्या दिन थे कि हर वहम यकीं होता था;
अब हक़ीक़त नज़र आए तो उसे क्या समझूँ.


दिल जो टूटा तो कई हाथ दुआ को उठे;
ऐसे माहौल में अब किस को पराया समझूँ.

ज़ुल्म ये है कि है यक्ता तेरी बेगानारवी;
लुत्फ़ ये है कि मैं अब तक तुझे अपना समझूँ.

हसीनों ने हसीन बन कर गुनाह किया

हसीनों ने हसीन बन कर गुनाह किया;
औरों को तो क्या हमको भी तबाह किया;

पेश किया जब ग़ज़लों में हमने उनकी बेवफाई को;
औरों ने तो क्या उन्होंने भी वाह - वाह किया।


ज़रा साहिल पे आकर वो थोड़ा मुस्कुरा देती;
भंवर घबरा के खुद मुझ को किनारे पर लगा देता;

वो ना आती मगर इतना तो कह देती मैं आँऊगी;
सितारे, चाँद सारा आसमान राह में बिछा देता।

हम सिमटते गए उनमें और वो हमें भुलाते गए

दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे,
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे,

वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का,
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे.



इश्क़ सभी को जीना सिखा देता है,
वफ़ा के नाम पर मरना सीखा देता है,

इश्क़ नहीं किया तो करके देखो,
ज़ालिम हर दर्द सहना सीखा देता है.

तेरी रूह से रूह तक का रिश्ता है मेरा

पलकों में आँसु और दिल में दर्द सोया है,

हँसने वालो को क्या पता, रोने वाला किस कदर रोया है.


ये तो बस वही जान सकता है मेरी तनहाई का आलम,


जिसने जिन्दगी में किसी को पाने से पहले खोया है.




तेरी धड़कन ही ज़िंदगी का किस्सा है मेरा,

तू ज़िंदगी का एक अहम् हिस्सा है मेरा.


मेरी मोहब्बत तुझसे, सिर्फ़ लफ्जों की नहीं है,


तेरी रूह से रूह तक का रिश्ता है मेरा.