Friday, March 30, 2018

हम दोस्ती एहसान वफ़ा भूल गए हैं

हम दोस्ती एहसान वफ़ा भूल गए हैं,
ज़िंदा तो है जीने की अदा भूल गए हैं.

ख़ुशबू जो लुटाती है मसलते हैं उसी को,
एहसान का बदला यही मिलता है कली को,
एहसान तो लेते है, सिला भूल गए हैं.


करते है मोहब्बत का और एहसान का सौदा,
मतलब के लिए करते है ईमान का सौदा,
डर मौत का और ख़ौफ़-ऐ-ख़ुदा भूल गए हैं.

अब मोम पिघल कर कोई पत्थर नही होता,
अब कोई भी क़ुर्बान किसी पर नही होता,
यूँ भटकते है मंज़िल का पता भूल गए हैं.

Wednesday, March 21, 2018

आपके दिल ने हमें आवाज दी हम आ गए

आपके दिल ने हमें आवाज दी हम आ गए,
हमको ले आई मोहब्बत आपकी हम आ गए.

अपने आने का सबब हम क्या बताएँ आपको,
बैठे बैठे याद आई आपकी हम आ गए.


हम है दिलवाले भला हम पर किसी का ज़ोर क्या,
जायेंगे अपनी ख़ुशी अपनी ख़ुशी हम आ गए.

कहिये अब क्या है चराग़ों की ज़रुरत आपको,
लेके आँखों में वफ़ा की रौशनी हम आ गए.

Saturday, March 10, 2018

काँटों से दामन उलझाना मेरी आदत है

काँटों से दामन उलझाना मेरी आदत है,
दिल मे पराया दर्द बसाना मेरी आदत है.

मेरा गला गर कट जाए तो तुझ पर क्या इल्ज़ाम,
हर क़ातिल को गले लगाना मेरी आदत है.


जिन को दुनिया ने ठुकराया जिन से हैं सब दूर,
ऐसे लोगों को अपनाना मेरी आदत है.

सब की बातें सुन लेता हूँ मैं चुपचाप मगर,
अपने दिल की करते जाना मेरी आदत है.

Wednesday, February 14, 2018

ज़िन्दगी - ऐ - ज़िन्दगी - Dard E Dil Love Shayari

क्या हुस्न ने समझा है क्या इश्क़ ने जाना है 
हम ख़ाक-नाशिनो की ठोकर में ज़माना है

वो हुस्न -ओ -जमाल उनका यह इश्क़ -ओ -शबाब अपना 
जीने की तम्मना है मरने का ज़माना है


या वो थे खफा हम से या हम थे खफा उनसे 
कल उनका ज़माना था आज अपना ज़माना है

यह इश्क़ नहीं आसां इतना तो समझ लीजिये 
एक आग का दरिया है और डूब के जाना है

आँसू तो बहुत से हैं आँखों में “जिगर” लेकिन 
बन जाए सो मोती है बह जाए सो पानी है

तू खफा किस बात से है

अपनी यादें अपनी बातें लेकर जाना भूल गए 
जाने वाले जल्दी में मिलकर जाना भूल गए.


मुड़ मुड़ कर पीछे देखा था जाते जाते कई उसने 
जैसे उसे कुछ कहना था जो वो कहना भूल गया.



मेरा रिश्ता जो तेरी रूह और तेरी ज़ात से है 
यह न समझो यह जनून हिजर के जज़्बात से है.

मैं तो रहता हूँ मुखातिब हर जगह तुझ से 
लगता है मेरा नाता खुद अपने आप से है.

बेसबब तुम उठा दो जो हैं दरमियान दीवारें 
कुछ तो मिले खबर तू खफा किस बात से है.

भूल के कुछ यादें तेरी - Reh Jaati Hain Kuch Yaadein

फासलों ने दिल की क़ुर्बत को बढ़ा दिया,
आज उस की याद ने बे हिसाब रुला दिया,

उस को शिकायत है के मुझे उस की याद नहीं,
हम ने जिस की याद में खुद को भुला दिया,


भूल के ग़ज़ल अपनी तेरी ग़ज़ल कैसे सजाऊँ,
दिल में उतार जाएं वो लफ़ज़ कहाँ से लाऊँ,

भूल के कुछ यादें तेरी, याद कैसे दिल में बसाऊँ,
दिल को तेरा सुकूँ दे वो ग़ज़ल कहाँ से लाऊँ.

Wednesday, December 20, 2017

दिल-ऐ -ग़म गुस्ताख़ - Love Shayari in Hindi

दिया है दिल अगर उस को , बशर है क्या कहिये 
हुआ रक़ीब तो वो , नामाबर है , क्या कहिये

यह ज़िद की आज न आये और आये बिन न रहे
काजा से शिकवा हमें किस क़दर है , क्या कहिये

ज़ाहे -करिश्मा के यूँ दे रखा है हमको फरेब 
की बिन कहे ही उन्हें सब खबर है , क्या कहिये


समझ के करते हैं बाजार में वो पुर्सिश -ऐ -हाल
की यह कहे की सर -ऐ -रहगुज़र है , क्या कहिये

तुम्हें नहीं है सर-ऐ-रिश्ता-ऐ-वफ़ा का ख्याल
हमारे हाथ में कुछ है , मगर है क्या कहिये

कहा है किस ने की “ग़ालिब ” बुरा नहीं लेकिन
सिवाय इसके की आशुफ़्तासार है क्या कहिये

आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की

आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की,
लम्हें तो अपने आप मिल जाते हैं,

कौन पूछता है पिंजरे में बंद परिंदों को,
याद वही आते हैं जो उड़ जाते हैं.


भी सूरज नहीं डूबा जरा सी शाम होने दो,

मैं खुद लौट जाऊंगा मुझे नाकाम तो होने दो,

मुझे बदनाम करने का बहाना ढूंढ़ता है जमाना,
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले मेरा नाम तो होने दो.

Tuesday, December 12, 2017

संगमरमर के महल में तेरी तस्वीर सजाऊंगा

संगमरमर के महल में तेरी तस्वीर सजाऊंगा, 
अपने इस दिल में तेरे ही ख्वाब जगाऊंगा, 

यूँ एक बार आजमा के देख तेरे दिल में बस जाऊंगा, 
मैं तो प्यार का हूँ प्यासा तेरे आगोश में मर जाऊॅंगा.


कब तक वो मेरा होने से इंकार करेगा, 

खुद टूट कर वो एक दिन मुझसे प्यार करेगा,

इश्क़ की आग में उसको इतना जला देंगे, 
कि इज़हार वो मुझसे सर-ए-बाजार करेगा.

Saturday, November 25, 2017

लोग जलते रहे मेरी मुस्कान पर

लोग जलते रहे मेरी मुस्कान पर,
मैंने दर्द की अपने नुमाईश न की,

जब जहाँ जो मिला अपना लिया,
जो न मिला उसकी ख्वाहिश न की.



मोहब्बत का मेरे सफर आख़िरी है,
ये कागज कलम ये गजल आख़िरी है,

मैं फिर ना मिलूँगा कहीं ढूंढ लेना,
तेरे दर्द का अब ये असर आख़िरी है.

इतनी लंबी उमर की दुआ मत माँग मेरे लिए

इतनी लंबी उमर की दुआ मत माँग मेरे लिए,
ऐसा ना हो के तू भी छोड़ दे ओर मौत भी ना आए.

एक बार फिर से निकलेंगे तलाश-ए-इश्क़ में,
दुआ करो यारों इस बार कोई बेवफा ना मिले.


नशा दौलत का हो या फिर शोहरत का, चूर कर देता हैं,
मगर नशा हो अगर मुहब्बत का तो मजबूर कर देता है.

वो जब पास हमारे साथ होगी तब शायद कयामत होगी,
अभी तो सिर्फ उसकी तस्वीर ने ही तबाही मचा रखी है.

शाम है बुझी बुझी वक्त है खफा खफा

शाम है बुझी बुझी वक्त है खफा खफा, 
कुछ हंसीं यादें हैं कुछ भरी सी आँखें हैं, 


कह रही है मेरी ये तरसती नजर, 
अब तो आ जाइये अब न तड़पाइये। 



हम ठहर भी जायेंगे राह-ए-जिंदगी में 
तुम जो पास आने का इशारा करो, 


मुँह को फेरे हुए मेरे तकदीर सी, 
यूँ न चले जाइये अब तो आ जाइये।

Wednesday, October 25, 2017

ये कैसी मोहब्बत हैं जो तुम मुझसे करते हो

आखिर क्यों मुझे तुम इतना दर्द देते हो
जब भी मन में आये क्यों रुला देते हो,

निगाहें बेरुखी हैं और तीखे हैं लफ्ज़,
ये कैसी मोहब्बत हैं जो तुम मुझसे करते हो.


मेरे बहते आंसुओ की कोई कदर नहीं,
क्यों इस तरह नजरो से गिरा देते हो,

क्या यही मौसम पसंद है तुम्हे जो,
सर्द रातो में आंसुओ की बारिश करवा देते हो

Wednesday, October 11, 2017

कुछ लोग यूँ ही शहर मे हम से भी खफा हैं

दिल मे ना हो ज़रूरत तो मोहब्बत नही मिलती,
खैरात मे इतनी बड़ी दौलत नही मिलती,

कुछ लोग यूँ ही शहर मे हम से भी खफा हैं,
हर एक से अपनी भी तबीयत नही मिलती.


देखा था जिसे मैने कोई और था शायद,
वो कौन है जिस से तेरी सूरत नही मिलती,

हंसते हुए चेहरो से है बाज़ार की ज़न्नत,
रोने को यहा वैसे भी फ़ुर्सत नही मिलती.

Tuesday, September 26, 2017

तन्हाई मेरे दिल में समाती चली गयी

उनके होंठो पे मेरा नाम जब आया होगा,
खुदको रुसवाई से फिर कैसे बचाया होगा,

सुनके फसाना औरो से मेरी बर्बादी का,
क्या उनको अपना सितम ना याद आया होगा.

रेत पर नाम कभी लिखते नहीं,
रेत पर लिखे नाम कभी टिकते नहीं,


तुम कहते हो पत्थर दिल हूँ मैं,
पत्थर पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं.

तन्हाई मेरे दिल में समाती चली गयी,
किस्मत भी अपना खेल दिखाती चली गयी,

महकती फ़िज़ा की खुशबू में जो देखा तुम को,
बस याद उनकी आई और रुलाती चली गयी.

Thursday, September 21, 2017

इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद

इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद,
जैसे हक़ीक़त मिली हो ख़यालों के बाद,

मैं पूछता रहा उस से ख़तायें अपनी,
वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद.


तिनके तिनके मे बिखरते चले गये,
तन्हाई की गहराइयो मे उतरते चले गये,

जन्नत थी हर शाम जिन दोस्तो के साथ,
एक एक कर के सब बिछड़ते चले गये.

Tuesday, September 12, 2017

मेरी रूह में न समाती तो भूल जाता तुम्हे

आरजू नहीं के ग़म का तूफान टल जाये,
फ़िक्र तो ये है तेरा दिल न बदल जाये,

भुलाना हो अगर मुझको तो एक एहसान करना,
दर्द इतना देना कि मेरी जान निकल जाये.


मेरी रूह में न समाती तो भूल जाता तुम्हे,
तुम इतना पास न आती तो भूल जाता तुम्हे,

यह कहते हुए मेरा ताल्लुक नहीं तुमसे कोई,
आँखों में आंसू न आते तो भूल जाता तुम्हे.

Saturday, August 5, 2017

जिनकी आंखें आंसू से नम नहीं

हलकी हलकी जल की बूंदे, जब लेकर आते है बादल,
मन मसोस कर रह जाती हूूँ, बह जाता है मेरा काजल.

कैसे है ये बैरी बादल, पूछ रहा है ये मेरा आँचल,
आसमान भी कह रहा है, ये निर्मोही है काले बादल.


कड़कड़ाहट आवाज़ से, प्रेमियों को कर देता है पागल,
काली घटा जब छट जायेगी, जब समझेगे ये बादल.

हमारी इल्तिज़ा है तुमसे, जरा रूक कर बरसों बादल,
प्रेमी जब मेरा आ जाए, फिर जम कर बरसों  बादल.

यादों के बन्द कमरे में, ज़िन्दगी सिसकती है बहुत

जाने क्यूँ आजकल, तुम्हारी कमी अखरती है बहुत,
यादों के बन्द कमरे में, ज़िन्दगी सिसकती है बहुत.

पनपने नहीं देता कभी, बेदर्द सी उस ख़्वाहिश को,
महसूस तुम्हें जो करने की, कोशिश करती है बहुत.


दावे करती हैं ज़िन्दगी, जो हर दिन तुझे भुलाने के,
किसी न किसी बहाने से, याद तुझे करती है बहुत.

आहट से भी चौंक जाए, मुस्कराने से ही कतराए,
मालूम नहीं क्यों ज़िन्दगी, जीने से डरती है बहुत.

जख्म बन जानेँ की आदत है उसकी

तेरी यादों के जो आखिरी थे निशान,
दिल तड़पता रहा, हम मिटाते रहे.

ख़त लिखे थे जो तुमने कभी प्यार में,
उसको पढते रहे और जलाते रहे.


जख्म बन जानेँ की आदत है उसकी
रुला कर मुस्कुरानेँ की आदत है उसकी.

मिलेगेँ कभी तोँ खुब रूलायेँ उसको,
सुना है रोतेँ हूऐ लिपट जाने की आदत है उसकी.

Monday, July 3, 2017

ये दिल किसी को पाना चाहता है

ये दिल किसी को पाना चाहता है,
और उसे अपना बनाना चाहता है,


खुद तो चाहता है ख़ुशी से धड़कना,
उसका दिल भी धड़काना चाहता है.


जो हँसी खो गई थी बरसों पहले कहीं,
फिर उसे लबों पर सजाना चाहता है,




तैयार है प्यार में साथ चलने के लिए,

उसके हर गम को अपनाना चाहता है.

मोहब्बत तो हो ही गई है अब तो पर,
अब उसी से ही ये छिपाना चाहता है,


ये दिल अब किसी को पाना चाहता है,
और उसे सिर्फ अपना बनाना चाहता है

Dil Ke Sagar Mein Lehre Uthaya Na Karo

दिल के सागर में लहरें उठाया ना करो,
ख्वाब बनकर नींद चुराया न करो,

बहुत चोट लगती है मेरे दिल को,
तुम ख़्वाबों में आ कर यु तड़पाया न करो.

चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो,
सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो,

कुछ यूँ चला है तेरे ‘इश्क’ का जादू,
सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो.



उनका हाल भी कुछ आप जैसा ही होगा,
आपका हाले दिल उन्हें भी महसूस होगा,

बेकरारी की आग में जो जल रहे हैं आप,
आपसे ज्यादा उन्हें इस जलन का एहसास होगा.

जो नजरो का हुआ मिलना लब तेरे भी मुस्कुराये थे,
ईश्क के हर जूर्म में मेरे तेरी मोहोब्बत के साये थे,

मेरी हर रात में सजनी तेरी सेजो के साये थे,
रात को ख्वाब में मेरे ख्वाब तेरे मिलने आये थे.

Friday, May 5, 2017

मत पूछ कि क्या हाल है मेरा तेरे पीछे

बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया है मेरे आगे
होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे।

होता है निहाँ गर्द में सहरा मेरे होते
घिसता है जबीं ख़ाक पे दरिया मेरे आगे।



मत पूछ कि क्या हाल है मेरा तेरे पीछे
तू देख कि क्या रंग है तेरा मेरे आगे।

ईमान मुझे रोके है जो खींचे है मुझे कुफ़्र
काबा मेरे पीछे है कलीसा मेरे आगे।

गो हाथ को जुम्बिश नहीं आँखों में तो दम है
रहने दो अभी सागर-ओ-मीना मेरे आगे।

Wednesday, May 3, 2017

तेरे मेहँदी लगे हाथों पे मेरा नाम लिखा है

तेरे मेहँदी लगे हाथों पे मेरा नाम लिखा है 
ज़रा से लफ्ज़ में कितना पैगाम लिखा है
यह तेरी शान के काबिल नहीं लकिन मजबूरी है 
तेरी मस्ती भरी आँखों को मैंने जाम लिखा है


मैं शायर हूँ ,मगर आगे न बढ़ पाया रिवायत से 
लबों को पंखुड़ी ,ज़ुल्फ़ों को मैंने शाम लिखा है
मुझे मौत आएगी जब भी ,तेरे पहलू में आएगी 
तेरे ग़म ने बहुत अच्छा मेरा अंजाम लिखा है
मेरी क़िस्मत मैं है एक दिन ग्रिफ्तार -ऐ -वफ़ा होना 
मेरे चेहरे पे तेरे प्यार का इलज़ाम लिखा है क़ातील

Monday, May 1, 2017

एक आख़िरी हसीन मुलाक़ात होगी

तुम आना मेरे जनाज़े मे
एक आख़िरी हसीन मुलाक़ात होगी

मेरे जिस्म मे बेशक मेरी जान ना होगी
मेरी जान मेरे जिस्म के पास तो होगी


हाथों में उसका हाथ था
दिल में उसकी तस्वीर

किये वादे थे साथ ज़िंदगी बिताने के
हाथो की लकीरो को कुछ और मंज़ूर था

Friday, April 28, 2017

वो तो खुश्बू है हवाओं में बिखर जाएगा

वो तो खुश्बू है हवाओं में बिखर जाएगा 
मसला फूल का है फूल किधर जाएगा

हम तो समझे थे के एक ज़ख्म है , भर जाएगा 
क्या खबर थी के रग -ऐ -जान में उतर जाएगा



वो हवाओं की तरह खाना -बेजान फिरता है 
एक झौंका है जो आएगा गुज़र जाएगा

वो जब आएगा तो फिर उस की रफ़ाक़त के लिए 
मौसम -ऐ -गुल मेरे आँगन में ठहर जाएगा

आख़िर वो भी कहीं रेत पे बैठी होगी 
तेरा यह प्यार भी दरिया है उतर जाएगा

Saturday, April 15, 2017

तन्हाई मेरे दिल में समाती चली गयी

तन्हाई मेरे दिल में समाती चली गयी 
किस्मत भी अपना खेल दिखाती चली गयी 

महकती फ़िज़ा की खुशबू में जो देखा तुम को 
बस याद उनकी आई और रुलाती चली गयी


शिकायत यह नहीं की , वो नाराज़ है हमसे 
मुस्कुराने का हक़ भी छीना , इस बात का ग़म है 

शिकायत यह नहीं की , दिल पे मेरे ज़ख्म दिया 
कराहने का हक़ भी छीना , बस इस बात का ग़म है

Thursday, March 30, 2017

मेरे बहते आंसुओ की कोई कदर नहीं

मेरे बहते आंसुओ की कोई कदर नहीं
क्यों इस तरह नजरो से गिरा देते हो

क्या यही मौसम पसंद है तुम्हे जो,
सर्द रातो में आंसुओ की बारिश करवा देते हो



आखिर क्यों मुझे तुम इतना दर्द देते हो
जब भी मन में आये क्यों रुला देते हो

निगाहें बेरुखी हैं और तीखे हैं लफ्ज़
ये कैसी मोहब्बत हैं जो तुम मुझसे करते हो

Tuesday, March 21, 2017

नज़र ने नज़र से मुलाक़ात कर ली

तेरी हर अदा मोहब्बत सी लगती है,
एक पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है,

पहले नही सोचा था अब सोचने लगे है हम,
जिंदगी के हर लम्हों में तेरी ज़रूरत सी लगती है


नज़र ने नज़र से मुलाक़ात कर ली,
रहे दोनों खामोश पर बात करली,

मोहब्बत की फिजा को जब खुश पाया,
इन आंखों ने रो रो के बरसात कर ली

Wednesday, March 8, 2017

कुछ सितारों की चमक नहीं जाती

कुछ सितारों की चमक नहीं जाती,
कुछ यादों की खनक नहीं जाती,

कुछ लोगों से होता है ऐसा रिश्ता,
कि दूर रहके भी उनकी महक नहीं जाती।


मेरी यादें, मेरा चेहरा, मेरी बातें रुलायेंगी,
हिज़्र के दौर में, गुज़री मुलाकातें रुलायेंगी,

दिन तो चलो तुम काट भी लोगे फसानों में,
जहाँ तन्हा रहोगे तुम, तुम्हें रातें रुलायेंगी।

Thursday, February 9, 2017

जो तेरे गुलाबी लब मेरे लबों को छू जायें

जो तेरे गुलाबी लब मेरे लबों को छू जायें,
मेरी रूह का मिलन तेरी रूह से हो जाये,

ज़माने की साज़िशों से बेपरवाह हो जायें,
मेरे ख्वाब कुछ देर तेरी बाहों में सो जायें,

मिटा कर फ़ासले हम प्यार में खो जायें,
आ कुछ पल के लिये एक-दूजे के हो जायें।
 
 
अब तो शाम-ओ-सहर मुझे रहता हैं बस खयाल तेरा
कुछ इस कदर दुआओ सा मिला हैं मुझे साथ तेरा,
 
की अब कोई शिकवा और शिकायत नही उस खुदा से
बस एक तुम्हे पाकर खुशियो से भर गया ये दामन मेरा

Wednesday, February 8, 2017

बस तेरे नाम से मेरा नाम जुडा रहे

बस तेरे नाम से मेरा नाम जुडा रहे,
इससे नहीं फर्क बेवफाई या वफा करे;

कुछ तो हो तेरे नाम का पास मेरे,
तेरे गम से ही बेशक मेरा दिल भरा रहे.


हर दर्द की दवा हो तुम,
आज तक जो मांगी मेरी एक लौटी दुआ हो तुम,

तुम्हे मिलने की तमन्ना नहीं उठती कभी,
क्यूंकि जो हर वक़्त साथ रहती है वो हवा हो तुम.

आज मुझे ये शाम सजाने की इजाज़त दे दो

आज मुझे ये बताने की इजाज़त दे दो,
आज मुझे ये शाम सजाने की इजाज़त दे दो,


अपने इश्क़ मे मुझे क़ैद कर लो,
आज जान तुम पर लूटाने की इजाज़त दे दो.



खुदा की रहमत में अर्जियाँ नहीं चलतीं,
दिलों के खेल में खुदगर्जियाँ नहीं चलतीं,


चल ही पड़े हैं तो ये जान लीजिए हुजुर,
इश्क़ की राह में मनमर्जियाँ नहीं चलतीं.

Tuesday, January 10, 2017

आज भी प्यार करता हूँ तुझसे

ओ सनम अब यूँ रूठकर न जाओ दूर हमसे,
कि अब आदत सी हो गई है तुम्हारी,

तुम जो न दिखो तो अब,
न सुबह होती न शाम होती हमारी.


आज भी प्यार करता हूँ तुझसे, 
ये नहीं कि कोई मिली ही नहीं, 

मिलीं तो बहुत तेरे बाद पर, 
तू किसी चेहरे में दिखीं ही नहीं.

तुम्हारी याद में जब मेरा दिल रोता है

तुम्हारी याद आने पर आँसू टूट जाते है
उन्हें मैं हथेलियों पर समेट लेता हूँ
और जो अटक जाते हैं होंटों पर

तो मैं समझ लेता हूँ कि वो तुम हो.
सुबह-सुबह ठंडी हवा का झोंका 
मुझे चुपके से आकर छूता है


और उसमें जो सबसे तेज़ झोंका हो 
तो मैं समझ लेता हूँ कि वो तुम हो.
बिछड़ने के बाद से ही तुम्हारी याद आती है 

तुम्हारी याद में जब मेरा दिल रोता है
रोते-रोते जो ज़ोर की हिचकी आती है
तो मैं समझ लेता हूँ कि वो तुम हो.

Friday, December 2, 2016

निगाहों में अपनी हर दिन बरसात ख़ामोशी से

कहने को कह गए कई बात ख़ामोशी से
कटते-कटते कट ही गई रात ख़ामोशी से,

न शोर-ए-हवा, न आवाज़-ए-बर्क़ कोई
निगाहों में अपनी हर दिन बरसात ख़ामोशी से.


शायद तुम्हें ख़बर न हो लेकिन यूँ भी
बयाँ होते हैं कई जज्बात ख़ामोशी से,

दिल की दुनिया भी कितनी ख़ामोश दुनिया है
किसी शाम हो गई इक वारदात ख़ामोशी से.