Saturday, February 27, 2016
आहें दिल की आरजू हैं, दर्द ही तमन्ना है
आहें दिल की आरजू हैं, दर्द ही तमन्ना है
इश्क ही गुनाह मेरा, फिर सजा तो सहना है
मुश्किलों के इस दौर में दूर है मेरी दिलरुबा
तेरी आंखों के दरवाजे खुलते हैं बस मेरे लिए
लेकिन तेरे आशियां में गैरों को ही रहना है
लड़ जाऊंगा मैं दुनिया से लेकिन तू रुसवा होगी
दाग न तुझपे लगने देंगे, खुद से ही बस लड़ना है
खिलके गुलाब की तरह मुरझा कर गिर गया
जाते-जाते वो मेरे खूँ में जहर भर गया
उसकी याद में जीके मैं आठों पहर मर गया
आशना के चार दिन ऐसे तज़रबे दे गए
खिलके गुलाब की तरह मुरझाकर गिर गया
उनकी तरफ बढ़ाया था बेखुदी में दो कदम
होश आया तो लगा कि खुद से दगा कर गया
किस दिल में मिलता है इस जहान में वफा
इसकी तलाश में भला क्यूँ किसी के घर गया
ना जाने आज चाँद भी कहाँ खो गया
वो अंजुमन की आग में लिपटे हुए तारे
आँसू के चिरागों से सुलगते नज़ारे
आसमान की नज़र में अटके हुए सारे
ना जाने आज चाँद भी कहाँ खो गया
फलक का अँधेरा भी दरिया पे सो गया
रोता है हर शै कि आज क्या हो गया
शज़र के शाखों पे नशेमन की ख़ामोशी
फैली है पंछियों में ये कैसी उदासी
क्यूँ लग रही हर चीज़ आज जुदा सी
बजती है सन्नाटे में झिंगुरों की झनक
या टूट रही है तेरी चूड़ियों की खनक
आती है आहटों से जख्मों की झलक
ये रात कब बीतेगी मेरी जवानी की
कब ख़त्म होगी कड़ियाँ मेरी कहानी की
कब लाएगी तू खुशियाँ जिंदगानी की
मेरी मुंतज़िर निग़ाहों को हुस्न का रूप मिला
जख़्म दर जख़्म हम पाते गए कुछ न कुछ
हर दर्द हर गम पे गाते गए कुछ न कुछ
जो मुझे एक पल की खुशी दे न सके
वो हर पल सितम ढ़ाते गए कुछ न कुछ
हर मंजिल पे एक किनारा दिखता था मगर
उसके बाद एक रोता समंदर भी रहता था
हम नहीं गए उस किनारे पे दिल के लिए
जहाँ आँसू न थे पहले से कुछ न कुछ
मेरी मुंतज़िर निग़ाहों को हुस्न का रूप मिला
मेरे बेकरार रूह को दर्द का धूप मिला
चाँद तो बस दूर से ही नूर को बिखराती रही
मगर देती रही बुझते चिराग को कुछ न कुछ
हमें अफसोस नहीं कि तुझे देखा नहीं जी भर के
तेरी तस्वीर तो तेरे आने से पहले सीने में थी
तू आके बस दरस दिखा के गुजर गई
अब उम्रभर तेरे बारे सोचना है कुछ न कुछ
हो सकता है तेरे दिल में मेरे खातिर जगह न हो
हो सकता है तेरे दिल में मेरे खातिर जगह न हो
हो सकता है इसके पीछे, किसी तरह की वजह न हो
लो गुनाह कुबूल किया, फिर आशिक कहता है कि
दुनिया तेरी कचहरी में मेरे इश्क पे जिरह न हो
रात में शाम का बादल ही चांद का कातिल बनता है
सोचता हूं कि तेरे बिन अब इन रातों की सुबह न हो
तू है गैर के घर में और मैं हो गया जग से पराया
इश्क की दुनिया में किसी का अंजाम मेरी तरह न हो
Tuesday, February 2, 2016
दुनिया में तेरा हुस्न मेरी जां सलामत रहे
दुनिया में तेरा हुस्न मेरी जां सलामत रहे
सदियों तलक जमीं पे तेरी कयामत रहे
सदियों तलक जमीं पे तेरी कयामत रहे
और भी दुनिया में आएंगे आशिक कितने
उनकी आंखों में तुमको देखने की चाहत रहे
इश्क के तमाशे में हमेशा तेरे किरदार से
दर्द और खामोशी के अश्कों की शिकायत रहे
खुमारियों के चंद लम्हों का है तेरा सुरूर
उसमें डूबकर मरने से दिल को राहत रहे
चाहतों में - Hume Yaad Rakhna Yeh Mere Dilbar
यू नजर से बात की और दिल चुरा गए,
अन्धेरो के साए मे धडकन सुना गए,
हम तो समझते थे अजनबी आपको,
आप तो हमको अपना बना गए।
देख मेरी आँखों में ख्वाब किसके हैं,
दिल में मेरे सुलगते तूफ़ान किसके हैं,
नहीं गुज़रा कोई आज तक इस रास्ते से,
फिर ये क़दमों के निशान किसके हैं।
हर शाम किसी के लिए सुहानी नही होती,
हर प्यार के पीछे कोई कहानी नही होती,
कुछ तो असर होता है दो आत्मा के मेल का,
वरना गोरी राधा, सावले कान्हा की दीवानी न होती।
अन्धेरो के साए मे धडकन सुना गए,
हम तो समझते थे अजनबी आपको,
आप तो हमको अपना बना गए।
देख मेरी आँखों में ख्वाब किसके हैं,
दिल में मेरे सुलगते तूफ़ान किसके हैं,
नहीं गुज़रा कोई आज तक इस रास्ते से,
फिर ये क़दमों के निशान किसके हैं।
हर शाम किसी के लिए सुहानी नही होती,
हर प्यार के पीछे कोई कहानी नही होती,
कुछ तो असर होता है दो आत्मा के मेल का,
वरना गोरी राधा, सावले कान्हा की दीवानी न होती।
दूर जाने से पहले - Sad Shayari in Love
दूर जाने से पहले, मेरी जिंदगानी ले जा,
तू मेरे नादाँ दिल से, थोड़ी नादानी ले जा,
तेरे खतों के साथ है, कुछ सूखे हुये फूल भी,
तू मुझसे नाकाम मोहब्बत, ये निशानी ले जा,
तुझे मुश्किल होगी, जब हुस्न ढलने लगेगा,
ठहर जरा, मुझसे मेरी बर्बाद ये जवानी ले जा,
तेरे उस बंजर शहर में, सूखा भी बहुत होगा,
आ के मेरी आँखों से बहता, ये पानी ले जा.
तू मेरे नादाँ दिल से, थोड़ी नादानी ले जा,
कैसे बताओगे सबको, जुदाई का सबब तुम,
तेरे हक़ में लिखी है जो, वो कहानी ले जा,तेरे खतों के साथ है, कुछ सूखे हुये फूल भी,
तू मुझसे नाकाम मोहब्बत, ये निशानी ले जा,
तुझे मुश्किल होगी, जब हुस्न ढलने लगेगा,
ठहर जरा, मुझसे मेरी बर्बाद ये जवानी ले जा,
तेरे उस बंजर शहर में, सूखा भी बहुत होगा,
आ के मेरी आँखों से बहता, ये पानी ले जा.
दो मशहूर शायरों के अपने-अपने अंदाज
दो मशहूर शायरों के अपने-अपने अंदाज
पहले मिर्ज़ा गालिब
उड़ने दे इन परिंदों को आज़ाद फिजां में ‘गालिब’
जो तेरे अपने होंगे वो लौट आएँगे
शायर इकबाल का उत्तर
ना रख उम्मीद-ए-वफ़ा किसी परिंदे से
जब पर निकल आते हैं
तो अपने भी आशियाना भूल जाते हैं
Monday, November 2, 2015
रात आती है तेरी याद चली आती है
रात आती है तेरी याद चली आती है
किस शहर से तेरी आवाज चली आती है
चाँद ने खूब सहा है सूरज की अगन
तेरी ये आग मुझसे न सही जाती है
दिल में उतरी है तेरी दर्द भरी आँखें
मेरी आँखों में वही प्यास जगी जाती है
हमने देखा था खुद को तेरी सूरत में
आईना देखकर अब रात कटी जाती है
चाँद ने खूब सहा है सूरज की अगन
तेरी ये आग मुझसे न सही जाती है
दिल में उतरी है तेरी दर्द भरी आँखें
मेरी आँखों में वही प्यास जगी जाती है
हमने देखा था खुद को तेरी सूरत में
आईना देखकर अब रात कटी जाती है
Sunday, August 23, 2015
मेरी यादो मे तुम हो, या मुझ मे ही तुम हो
आप खुद नहीं जानती आप कितनी प्यारी हो,
जान हो हमारी पर जान से प्यारी हो.
दूरियों क होने से कोई फर्क नही पड़ता,
आप कल भी हमारी थी और आज बी हमारी हो.
मेरी यादो मे तुम हो, या मुझ मे ही तुम हो,
जान हो हमारी पर जान से प्यारी हो.
दूरियों क होने से कोई फर्क नही पड़ता,
आप कल भी हमारी थी और आज बी हमारी हो.
मेरी यादो मे तुम हो, या मुझ मे ही तुम हो,
मेरे खयालो मे तुम हो, या मेरा खयाल ही तुम हो.
दिल मेरा धडक के पूछे, बार बार एक ही बात,
मेरी जान मे तुम हो, या मेरी जान ही तुम हो.
मेरी जान मे तुम हो, या मेरी जान ही तुम हो.
इश्क के इस दाग का एक बेवफा से रिश्ता है
इश्क के इस दाग का एक बेवफा से रिश्ता है
इस दुनिया में सदियों से आशिक का ये किस्सा है
दर्दे-दिल की आग को कोई सागर क्या बुझाएगा
दिलजला तो मौत के पहलू में जाकर ही बुझता है
हर सितम एक आईना है, तुमको देखूं बार-बार
खूने-जिगर तो तेरी जफा ही पाने को तरसता है
कागज के फूलों की खूशबू भर जाती है आंखों में
तेरे इन पुराने खतों में तेरा साया दिखता है
हम मुस्कुराते हुए जख्म खाते गए
वो सितम पे सितम मुझपे ढाते गए
हम मुस्कुराते हुए जख्म खाते गए
जिनकी खुशियों की खातिर मरते रहे
वो रिश्ते नाते ही दिल को रुलाते गए
आंखों में आंसुओं की कमी ना रहे
हम समंदर में पानी को लाते गए
दीवानगी ने कभी हार मानी नहीं
मेरी मुुहब्बत भले वो ठुकराते गए
हम मुस्कुराते हुए जख्म खाते गए
जिनकी खुशियों की खातिर मरते रहे
वो रिश्ते नाते ही दिल को रुलाते गए
आंखों में आंसुओं की कमी ना रहे
हम समंदर में पानी को लाते गए
दीवानगी ने कभी हार मानी नहीं
मेरी मुुहब्बत भले वो ठुकराते गए
कुछ भी नहीं मिलेगा मुझे तेरी दुआ से
किसको खुदा कहेंगे कोई मेरा खुदा नहीं
है कोई भी खुदा तो वो मुझसे जुदा नहीं
है कोई भी खुदा तो वो मुझसे जुदा नहीं
शायर तो मुहब्बत के सिवा कुछ नहीं चाहे
लेकिन जमाने के किसी दिल में वफा नहीं
लेकिन जमाने के किसी दिल में वफा नहीं
कुछ भी नहीं मिलेगा मुझे तेरी दुआ से
लगती है बेकसों को किसी की दुआ नहीं
लगती है बेकसों को किसी की दुआ नहीं
वो हंसके बुझा देती है मेरे सीने में लगी आग
आंसुओं से कभी दामन उसका जला नहीं
आंसुओं से कभी दामन उसका जला नहीं
तुम मेरे दर्द को मिटा दोगी एक दिन
अपने दिल के सनमखाने के हर जर्रे पे
आँसुओं से तेरे नाम लिखे हैं हमने
ये ख़ामोशी और दर्द के अफ़साने
कोरे कागज़ पे सजाए हैं हमने
ये जो पत्थर के बेदिल मकान हैं
इस दुनिया की गलियों के श्मशान हैं
तन्हाई के जिंदादिली के साये में
तुमको ख़यालों में बसाए हैं हमने
राहों के मुकद्दर में कई मुसाफिर हैं
पर मेरी पगडंडियों पे तू अकेली है
इस भीड़ भरी अंधेर नगरी में
तेरे नूर के माहताब जलाए हैं हमने
मेरी दीवानगी छलक न जाए आंखों से
हम हर फुगां को दिल में दबा लेते हैं
तुम मेरे दर्द को मिटा दोगी एक दिन
इसी उम्मीद में जख्म संभाले हैं हमने
मुहब्बत में उन पर मिटते रहे हम
वफ़ा की तलाश करते रहे हम
बेबफाई में अकेले मरते रहे हम,
नहीं मिला दिल से चाहने वाला
खुद से ही बेबजह डरते रहे हम,
लुटाने को हम सब कुछ लुटा देते
मुहब्बत में उन पर मिटते रहे हम,
खुद दुखी हो कर खुश उन को रखा
तन्हाईयों में सांसे भरते रहे हम,
वो बेवफाई हम से करते ही रहे
दिल से उन पर मरते रहे हम|
रातो के ख्वाबो का इंतजार क्या करू
जिन्हीने बदली थी हमारे ख्वाइशों की जिंदगी..
आज वहो बदले बदले नज़र आते है..
उड़ गए उन परिंदों का मलाल क्या करे..
जब अपने भी औरो की छत पर नज़र आते है..
रातो के ख्वाबो का इंतजार क्या करू..
जब दिन मै भी डरावने सपने आत्ते है..
एक अरसा बीत गया..खुलकर मुस्कुराए हुए..
एक अरसा बीत गया..गीत कोई गाए हुए..
मेरी नज़रों को तेरा इन्तज़ार आज भी है..
एक अरसा बीत गया..कोई रिश्ता नया बनाए हुए..
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िन्दगी क्या चीज़ है
होश वालों को ख़बर क्या बेख़ुदी क्या चीज़ है
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िन्दगी क्या चीज़ है
उन से नज़रें क्या मिली रोशन फिजाएँ हो गईं
आज जाना प्यार की जादूगरी क्या चीज़ है
ख़ुलती ज़ुल्फ़ों ने सिखाई मौसमों को शायरी
झुकती आँखों ने बताया मयकशी क्या चीज़ है
हम लबों से कह न पाये उन से हाल-ए-दिल कभी
और वो समझे नहीं ये ख़ामोशी क्या चीज़ है
Sunday, August 2, 2015
तेरे दामन में चांदनी हमेशा रहे
मेरे आंगन में रोशनी भले ना रहे
तेरे दामन में चांदनी हमेशा रहे
मर भी जाऊं तो कफन मिले ना मिले
मेरे खातिर तेरी ओढ़नी हमेशा रहे
तुम भले ही किसी गैर की बाहों में रहो
तेरे दिल में एक जोगनी हमेशा रहे
तेरे आशिक के हर दर्द भरे नज्मों में
गमे-उल्फत की ये रागिनी हमेशा रहे
उसकी चाहत के हम दीवाने निकले,
काश वो समझते इस दिल की तड़प को,
तो यूँ हमें रुसवा ना किया होता,
उनकी ये बेरुखी भी मंज़ूर थी हमें,
बस एक बार हमें समझ लिया होता.
इस कदर हम यार को मनाने निकले,
उसकी चाहत के हम दीवाने निकले,
जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहा,
तो उसके होठों से वक़्त ना होने के बहाने निकले.
तो यूँ हमें रुसवा ना किया होता,
उनकी ये बेरुखी भी मंज़ूर थी हमें,
बस एक बार हमें समझ लिया होता.
इस कदर हम यार को मनाने निकले,
उसकी चाहत के हम दीवाने निकले,
जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहा,
तो उसके होठों से वक़्त ना होने के बहाने निकले.
Thursday, May 28, 2015
एक अरसे से आंखों से आंसू न बहे
एक अरसे से आंखों से आंसू न बहे
इतने मशरूफ हम इस जमाने में रहे
कौन आगे बढ़ा, कौन पीछे रहा, कौन ठहर गया
इन्हीं बेकार की बातों में उलझे से रहे
भरे बाजार में सबने हमें पराया समझा
ऐसे माहौल में अपने भी गैरों से रहे
आज दिल में मेरे रोने की तड़प जागी तो
रातभर हम कोई बहाना ढूंढते से रहे
इतने मशरूफ हम इस जमाने में रहे
कौन आगे बढ़ा, कौन पीछे रहा, कौन ठहर गया
इन्हीं बेकार की बातों में उलझे से रहे
भरे बाजार में सबने हमें पराया समझा
ऐसे माहौल में अपने भी गैरों से रहे
आज दिल में मेरे रोने की तड़प जागी तो
रातभर हम कोई बहाना ढूंढते से रहे
मुझसे कुदरत की ख़ामोशियों की बात करो
दर्द ये क्या है इस दर्द पे ही बात करो
और कुछ भी नहीं बस आंसुओं की बात करो
न ये दुनिया, न ही रिश्ते, न ही बंधन की
इन हवाओं में उड़ते पंछियों की बात करो
राज़ तन्हाई की और बोलियां निगाहों की
मुझसे कुदरत की ख़ामोशियों की बात करो
मुझे समझा न सकोगे कभी दोस्त मेरे
सोचने की नहीं, अहसासों की बात करो
और कुछ भी नहीं बस आंसुओं की बात करो
न ये दुनिया, न ही रिश्ते, न ही बंधन की
इन हवाओं में उड़ते पंछियों की बात करो
राज़ तन्हाई की और बोलियां निगाहों की
मुझसे कुदरत की ख़ामोशियों की बात करो
मुझे समझा न सकोगे कभी दोस्त मेरे
सोचने की नहीं, अहसासों की बात करो
Saturday, April 18, 2015
मेरा दिल धडकता है सिर्फ तुम्हारे लिए
तेरी हर अदा मोहब्बत सी लगती है,
एक पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है,
पहले नही सोचा था अब सोचने लगे है हम,
जिंदगी के हर लम्हों में तेरी ज़रूरत सी लगती है
ढलती शाम का खुला एहसास है ,
मेरे दिल में तेरी जगह कुछ खास है ,
तू नहीं है यहाँ मालूम है मुझे ...
पर दिल ये कहता है तू यहीं मेरे पास है
मुस्कान तेरे होठों से कही जाए न,
आंसू तेरी पलकों पे कही आए न,
पूरा हो तेरा हर खवाब,
और जो पूरा न हो वो खवाब कभी आए न !!
मेरा दिल धडकता है सिर्फ तुम्हारे लिए,
मेरा दिल तडफता है सिर्फ तुम्हारे लिए,
ना जाने मै क्यो डरता हूँ आपसे,
अपने प्यार का इज़हार करने के लिए !!
एक पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है,
पहले नही सोचा था अब सोचने लगे है हम,
जिंदगी के हर लम्हों में तेरी ज़रूरत सी लगती है
ढलती शाम का खुला एहसास है ,
मेरे दिल में तेरी जगह कुछ खास है ,
तू नहीं है यहाँ मालूम है मुझे ...
पर दिल ये कहता है तू यहीं मेरे पास है
मुस्कान तेरे होठों से कही जाए न,
आंसू तेरी पलकों पे कही आए न,
पूरा हो तेरा हर खवाब,
और जो पूरा न हो वो खवाब कभी आए न !!
मेरा दिल धडकता है सिर्फ तुम्हारे लिए,
मेरा दिल तडफता है सिर्फ तुम्हारे लिए,
ना जाने मै क्यो डरता हूँ आपसे,
अपने प्यार का इज़हार करने के लिए !!
नज़र ने नज़र से मुलाक़ात कर ली
हर मुलाकात को याद हम करतें हैं,
कभी चाहत कभी जुदाई कि आह भरते है,
यूं तो रोज़ तुम से सपनो मे बात करते हैं पर,
फिर से अगली मुलाकात का इन्तज़ार करते है!!
कागज़ पे हमने ज़िन्दगी लिख दी,
अशकों से सींच कर खुशी लिख दी,
दर्द जब हमने उबारा लफज़ो पे,
लोगो ने कहा वाह क्या गज़ल लिख दी.
उलफत का अकसर यही दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही दूर होता है.
दिल टुट कर बिखरते हैं इस कदर,
जैसे कोई काँच का खिलोना चूर चूर होता है.
नज़र ने नज़र से मुलाक़ात कर ली,
रहे दोनों खामोश पर बात करली,
मोहब्बत की फिजा को जब खुश पाया,
इन आंखों ने रो रो के बरसात कर ली .
कभी चाहत कभी जुदाई कि आह भरते है,
यूं तो रोज़ तुम से सपनो मे बात करते हैं पर,
फिर से अगली मुलाकात का इन्तज़ार करते है!!
कागज़ पे हमने ज़िन्दगी लिख दी,
अशकों से सींच कर खुशी लिख दी,
दर्द जब हमने उबारा लफज़ो पे,
लोगो ने कहा वाह क्या गज़ल लिख दी.
उलफत का अकसर यही दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही दूर होता है.
दिल टुट कर बिखरते हैं इस कदर,
जैसे कोई काँच का खिलोना चूर चूर होता है.
नज़र ने नज़र से मुलाक़ात कर ली,
रहे दोनों खामोश पर बात करली,
मोहब्बत की फिजा को जब खुश पाया,
इन आंखों ने रो रो के बरसात कर ली .
वो यादें क्या जिसमे तुम नही
वो ज़िंदगी ही क्या जिसमे मोहब्बत नही,
वो मोहबत ही क्या जिसमे यादें नही,
वो यादें क्या जिसमे तुम नही,
और वो तुम ही क्या जिसके साथ हम नही.
इश्क़ ने हमे बेनाम कर दिया,
हर खुशी से हमे अंजान कर दिया,
हमने तो कभी नही चाहा की हमे भी मोहब्बत हो,
लेकिन आप की एक नज़र ने हमे नीलाम कर दिया
वो मोहबत ही क्या जिसमे यादें नही,
वो यादें क्या जिसमे तुम नही,
और वो तुम ही क्या जिसके साथ हम नही.
इश्क़ ने हमे बेनाम कर दिया,
हर खुशी से हमे अंजान कर दिया,
हमने तो कभी नही चाहा की हमे भी मोहब्बत हो,
लेकिन आप की एक नज़र ने हमे नीलाम कर दिया
ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है
कुछ उलझे सवालो से डरता हे दिल
जाने क्यों तन्हाई में बिखरता हे दिल
किसी को पाने कि अब कोई चाहत न रही
बस कुछ अपनों को खोने से डरता हे ये दिल.
जब खामोश आँखो से बात होती है
ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है
तुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैं
पता नही कब दिन और कब रात होती है.
Friday, April 17, 2015
वो रात दर्द और सितम की रात होगी
वो रात दर्द और सितम की रात होगी,
जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी,
उठ जाता हु मैं ये सोचकर नींद से अक्सर,
के एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी.
इश्क़ सभी को जीना सीखा देता है,
वफ़ा के नाम पर मरना सीखा देता है.
जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी,
उठ जाता हु मैं ये सोचकर नींद से अक्सर,
के एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी.
इश्क़ सभी को जीना सीखा देता है,
वफ़ा के नाम पर मरना सीखा देता है.
इश्क़ नही किया तो करके देखो,
ज़ालिम हर दर्द सहना सीखा देता है.
मेरी चाहत को अपनी मोहब्बत बना के देख
मेरी चाहत को अपनी मोहब्बत बना के देख,
मेरी Hasi को Apne Hontho पे मुस्कुरा कश्मीर देख,
मेरे आँसू Ko Apni Aankho Se गिरा Ke देख,
मेरी तड़प को Apne दिल से Mehsoos कर के देख,
Yeh मोहब्बत Ek हसीन तोहफा Hai ऐ-जान,
कभी मोहब्बत को मोहब्बत की Tarah भी Nibha Ke देख।
मेरी Hasi को Apne Hontho पे मुस्कुरा कश्मीर देख,
मेरे आँसू Ko Apni Aankho Se गिरा Ke देख,
मेरी तड़प को Apne दिल से Mehsoos कर के देख,
Yeh मोहब्बत Ek हसीन तोहफा Hai ऐ-जान,
कभी मोहब्बत को मोहब्बत की Tarah भी Nibha Ke देख।
Sunday, January 11, 2015
इन जख्मों को भरने में लगेंगे कई मौसम
इन जख्मों को भरने में लगेंगे कई मौसम
अभी तुमको भूलने में लगेंगे कई मौसम
तेरे इश्क में ये बहार एक पल में उजड़ गई
अब फूलों को खिलने में लगेंगे कई मौसम
सदमे मिले हैं जिनको दुनिया में बेवफाओं से
उनके आंसुओं को गिरने में लगेंगे कई मौसम
मुझे अपनी तो परवाह नहीं मगर तेरी बहुत है
Saturday, September 27, 2014
Tuesday, September 23, 2014
भूल से भी जिंदगी को नाराज न कीजिए कभी
भूल से भी जिंदगी को नाराज न कीजिए कभी
लीजिए आ गई नशे में घुली रात अभी
नादान हसरतें आपके दिल और हमारे दिल में
फिर दूरियों में न गुजर जाए रात अभी
सूर्ख चादर सा फैला है गुलाबों की जमीं
ख्वाबों की महक से फिजा रोशन है अभी
शब पे छायी है हर तरफ मदहोश हवाएं
नींद से बढ़के हसीन जगने का पहर है अभी
कशमकश होती ही रहती है सदा दिल में आपके
सीधे-सीधे मेरी बातों को मान लीजिए अभी
खर्च कर दें आज हम अपनी सारी ख्वाहिशें
बंदिशों की दीवार गिराने का मौसम है अभी.
Gam Ki Galiyon Mein Hame Tera Shahar Na Mila
Gam Ki Galiyon Mein Hame Tera Shahar Na Mila
Aur Apni Khushi Ka Hame Wo Ghar Na Mila.
Chand Bujh Na Raha Har Aahat Ke Baad
Suraj Ki Roshni Mein Bhi Dilbar Na Mila.
Meri Khamoshi Mein Chhipi Hai Jo Bezubaan Bankar
Unse Kuch Kehne Ka Kabhi Awsar Na Mila.
Dil Ki Baaten Dil Me Hi Reh Jati Hain
Koyi Bhi Hum Se Aaj Tak Khulkar Na Mila.
Saturday, May 24, 2014
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