Tuesday, September 23, 2014
Gam Ki Galiyon Mein Hame Tera Shahar Na Mila
Gam Ki Galiyon Mein Hame Tera Shahar Na Mila
Aur Apni Khushi Ka Hame Wo Ghar Na Mila.
Chand Bujh Na Raha Har Aahat Ke Baad
Suraj Ki Roshni Mein Bhi Dilbar Na Mila.
Meri Khamoshi Mein Chhipi Hai Jo Bezubaan Bankar
Unse Kuch Kehne Ka Kabhi Awsar Na Mila.
Dil Ki Baaten Dil Me Hi Reh Jati Hain
Koyi Bhi Hum Se Aaj Tak Khulkar Na Mila.
Saturday, May 24, 2014
उल्फत में जान निकल जाए
गिरके ना ये फिर संभल जाए, उल्फत में जान निकल जाए
रूह का दीपक तो जला, ये जिस्म चाहे पिघल जाए
मर्जी हो तेरी तो आ जाओ, मेरा आशियां ये बदल जाए
कश्ती समंदर में कैसे रूके, किनारे से जो फिसल जाए.
किसके सहारे जीना है, तन्हाई ही तमन्ना है
हम इस पार, तुम उस पार, बीच में नदी को बहना है
लम्हा दिन महीना बरस, दुख के किनारे मरना है
आधे-अधूरे जीवन पूरे, तेरे बिन अब रहना है.
मैं भी मैं कहां रहा, तू भी तू नहीं रही
कुछ कहने और सुनने की आरजू नहीं रही
मैं भी मैं कहां रहा, तू भी तू नहीं रही
तब हर बात पे होती थी अक्सर ही तकरार
अब किसी बात पे प्यार की गुफ्तगू नहीं रही
फुरसत ही नहीं मिलती कि तेरी याद में रोऊं मैं
तुमको भी मेरे आंसुओं की जूस्तजू नहीं रही
तू चाहती कुछ और, मैं सोचता हूं कुछ और
किसी आईने में हमारी सूरत हूबहू नहीं रही
तूम मेरे दिल में आ चुके हम तेरे दिल से जा चुके
हम कितनी दूर आ चुके, तुम कितनी दूर जा चुके
तुम मेरे दिल में आ चुके, हम तेरे दिल से जा चुके
अब गैर कोई छू ले मुझे तो मुझे भी ऐतराज नहीं
तेरे इश्क में हम जिस्म की हर गैरत को गंवा चुके
इस चांद को तुमसा कहूं तो बुरा लगेगा खुद मुझको
जबसे हमें तुम छोड़ गए, ये चिराग हम बुझा चुके
उसे कौन सा सफर कहूं जिसे हो नसीब न हमसफर
इस जिंदगी की राह को हम दर्द में डुबा चुके
Tuesday, April 15, 2014
तुमसे वफा की आस भी रखूं भी मैं किस राह पर
तेरी दिल्लगी भी इश्क में मेरे दिल का गुल खिलाएगी
तेरी बेवफाई भी मुझसे एक हसीन गजल लिखवाएगी
तुमसे वफा की आस भी रखूं भी मैं किस राह पर
मालूम है तू एक दिन बड़ी दूर निकल जाएगी
सज़दे की वो जमीं है, जहां बैठकर मैं रोता हूं
तेरे दर्द के इन अश्कों में मेरी मिट्टी भी गल जाएगी
बरसों बरस भी धूप है, सूरज ही जिसका रूप है
इस जिंदगी की आग से तू चांद में बदल जाएगी
मुझे दिल से जो भुला दिया, तो तूने क्या बुरा किया
मुझे दिल से जो भुला दिया, तो तूने क्या बुरा किया
कांटे का दामन छोड़ कर, जो भी किया अच्छा किया
आवारगी की राह पे चलके मुझे मंजिल मिली
जिसने मुझे बेघर किया उसने भी कुछ भला किया
जिनके घरों में आंसू थे वहीं पे मुझे पानी मिला
इस शहर में मेरी प्यास ने कुछ ऐसा तज़रबा किया
ऐ दिल बता तुझे क्या मिला मेरा दाग से खेलकर
तूने दर्द से सौदा किया, अपनी गजल बेचा किया
कांटे का दामन छोड़ कर, जो भी किया अच्छा किया
आवारगी की राह पे चलके मुझे मंजिल मिली
जिसने मुझे बेघर किया उसने भी कुछ भला किया
जिनके घरों में आंसू थे वहीं पे मुझे पानी मिला
इस शहर में मेरी प्यास ने कुछ ऐसा तज़रबा किया
ऐ दिल बता तुझे क्या मिला मेरा दाग से खेलकर
तूने दर्द से सौदा किया, अपनी गजल बेचा किया
सूनी सेज पे रोती रह गई लेकिन तुमको खबर नहीं
सूनी सेज पे रोती रह गई लेकिन तुमको खबर नहीं
घिर आए सावन के बादल लेकिन तुमको खबर नहीं
फूल की सारी बगिया उजड़ी, माला टूटी, गजरे टूटे
कांटों की एक दुनिया बस गई लेकिन तुमको खबर नहीं
आने की कोई सूरत नहीं है, कितना मैं इंतजार करूं
आस का आईना टूट गया, लेकिन तुमको खबर नहीं
जीवन में अब सांझ-सवेरे, ना सूरज, ना चांद रहा
सारे दीपक बुझ से गए हैं लेकिन तुमको खबर नहीं
Sunday, March 16, 2014
Husn Jawan Love Shayari in Hindi
जब अचानक सामने तुम कहीं से आ गए
हम जरा घबड़ा गए, तुम जरा शरमा गए
सोलह बरस के बाद तुम जवाँ हुए तो ये हुआ
देखकर तुझे होशवाले राहों में गश खा गए
तेरी नजर को पढ़ लेना सबके बस की बात नहीं
अपनी हर जज्बाते-बयां तुम काजल में छुपा गए
शायरी में लिखता हूँ मैं अपने दिल की हर बातें
दिलवालों को लफ्जों में तेरी झलक दिखा गए
Monday, March 3, 2014
Wednesday, February 5, 2014
वफा का आईना जब तेरी नजर से गुजरा
इश्क की आबरू हमने बचा लिया अक्सर
चिरागे-दिल से मुकद्दर जला लिया अक्सर
कौन चाहेगा कि खुद मौत को पीते जाएँ
दर्द ने सबको शराबी बना दिया अक्सर
वफा का आईना जब तेरी नजर से गुजरा
तूने अपना ये चेहरा छुपा लिया अक्सर
करीब रहते हैं जो रातभर इस कलेजे में
चाँद वो दिन में हमने बुझा दिया अक्सर
फूल जितने भी मायूस होके टूट चुके थे
उनसे ही अपना गुलशन सजा लिया अक्सर
गुनाह पूरी तसल्ली से किया करता हूँ
तेरा खंजर सीने पे चला लिया अक्सर
Sunday, January 26, 2014
Dil Se Dil Tak Shayari Hindi
इश्क हटा दोगे सीने से, आखिर क्या रह जाएगा
तब तो तेरा जिस्म सलोना, बुत जैसा रह जाएगा
इस मुरादों की दुनिया में, मेरी चाहत कुछ भी नहीं
तू मुझे जो मिल न सकी, बस ये गम रह जाएगा
मेरी मानो तो धरती पर दो ही चीजें अपनी हैं
दिल का दर्द औ खारा आंसू, आखिर में रह जाएगा
शब से नाता है पुराना, सहर से कभी मिल न सके
दिन में दिल तो सो लेगा, रात में तन्हा रह जाएगा
तब तो तेरा जिस्म सलोना, बुत जैसा रह जाएगा
इस मुरादों की दुनिया में, मेरी चाहत कुछ भी नहीं
तू मुझे जो मिल न सकी, बस ये गम रह जाएगा
मेरी मानो तो धरती पर दो ही चीजें अपनी हैं
दिल का दर्द औ खारा आंसू, आखिर में रह जाएगा
शब से नाता है पुराना, सहर से कभी मिल न सके
दिन में दिल तो सो लेगा, रात में तन्हा रह जाएगा
तेरे बिन हम दिलजले कभी चैन नहीं पाएंगे
ये करवटों के सिलसिले कभी खत्म हो न पाएंगे
तेरे बिन हम दिलजले कभी चैन नहीं पाएंगे
तेरे बिन हम दिलजले कभी चैन नहीं पाएंगे
ऐ चांद फासला बढ़ा, इतनी कि तुम खो जाओ
तेरी हसीन चांदनी में उन्हें हम भूल नहीं पाएंगे
तेरी हसीन चांदनी में उन्हें हम भूल नहीं पाएंगे
बरसात के मौसम में शराबें तो पी ली हमने
क्या खबर थी भीगकर हम नशे में रह नहीं पाएंगे
क्या खबर थी भीगकर हम नशे में रह नहीं पाएंगे
आखिर किसी मुकाम पर मेरे मंजिल का निशां होगा
तेरी ऊंगली थामे बिना वहां तक चल नहीं पाएंगे
तेरी ऊंगली थामे बिना वहां तक चल नहीं पाएंगे
जबसे खबर हुई कि मेरा दिल आशना है
जबसे खबर हुई कि मेरा दिल आशना है
तबसे हम बेचैन हुए तेरे हर पल की खबर के लिए
कई दिन हो गए तुमसे मुहब्बत किए हुए
पर तरसते रहे अब तक तेरी इक नजर के लिए
तेरे साये से दूर हूं कि तेरी रुसवाई न हो
यही करता है हर आशिक अपने दिलबर के लिए
अश्क तो बह रहे हैं तन्हाई में जीते हुए
कोई मरहम तो अब बता दे तू खूने-जिगर के लिए
Wednesday, January 1, 2014
मुहब्बत के मुकद्दर में वो हसीं शाम कभी होती
मुहब्बत के मुकद्दर में वो हसीं शाम कभी होती
सोचता हूं ये जिंदगी तो उसके नाम कभी होती
जो फूल उसकी जुल्फों तक नहीं पहुंच सका
उसे तोड़ने को वो दिल से परेशान कभी होती
मुझे पत्थर समझकर जो हमेशा तराशती रही
उस खुदा से हमारी दुआ सलाम कभी होती
जिसको देखा किए हर शब उल्फत के आइने में
वह अक्स हमारे आशियां की मेहमान कभी होती
सोचता हूं ये जिंदगी तो उसके नाम कभी होती
जो फूल उसकी जुल्फों तक नहीं पहुंच सका
उसे तोड़ने को वो दिल से परेशान कभी होती
मुझे पत्थर समझकर जो हमेशा तराशती रही
उस खुदा से हमारी दुआ सलाम कभी होती
जिसको देखा किए हर शब उल्फत के आइने में
वह अक्स हमारे आशियां की मेहमान कभी होती
Wednesday, December 25, 2013
आपकी धड़कन से हैं रिश्ता हमारा
आपकी धड़कन से हैं रिश्ता हमारा !
आपकी साँसों से हैं नाता हमारा !!
भूल कर भी कभी भूल न जान !
आपकी यादों के सहारे हैं जीना हमारा !!
चाहे प्यार कितनो भी दूर रहे !
प्यार के सिलसिले कभी न कम होंगे !!
जब भी लगे तुम तकलीफ में हो !
पलट कर देखना तेरे पीछे हम होंगे !!
मुझे उसके पहलु में आशियाना न मिला !
उसकी झुल्फों की छाव में ठिकाना न मिला !!
कह दिया उसने बेवफा मुझको....!
जब उन्हें जानने का कोई बहाना न मिला !!
समझ न सके उन्हें हम !
क्योकि हम प्यार के नशे में चूर थे !!
अब समझ में आया जिसपे हम जान लुटाते थे !
वो दिल तोरने के लिए मशहूर थे !!
उदासी भी मुस्कान बन जायेगी !
रूकती हुई सांसे भी जान बन जायेगी !!
भेज दीजिये हवाओं में अपनी खुशबू !
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